इस्लामाबाद। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। विपक्षी दलों के सासंदों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। दो सांसदों ने बुधवार को इसकी पहल की। 31 दिसंबर तक सभी विपक्षी सांसद इस्तीफा दे देंगे। इधर 13 नवंबर को लाहौर में होने जा रही रैली के संबंध में पुलिस ने कहा है कि आतंकी मरयम नवाज सहित कुछ बड़े नेताओं को निशाना बना सकते हैं।
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पाकिस्तान में विपक्षी राजनीति इमरान सरकार की निरंतर परेशानी बढ़ा रही है। अब विपक्षियों ने संसद और सरकार को पंगु बनाने के लिए सांसदों के सामूहिक इस्तीफे का फैसला कर लिया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के पंजाब प्रांत के सांसद अली हैदर गिलानी ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को सौंप दिया है। पीएमएल-एन के सांसद हामिद हमीद ने भी इस्तीफा दे दिया है।
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11 विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख फजलुर रहमान ने कहा है कि सभी पार्टी के सांसद 31 दिसंबर तक अपनी पार्टी अध्यक्षों को इस्तीफे सौंप देंगे। सभी पार्टियों ने इस पर सामूहिक निर्णय ले लिया है। संसद में सामूहिक इस्तीफे कब सौंपे जाएंगे, इस संबंध में कोई दिन निश्चित नहीं हुआ है। सामूहिक इस्तीफों के संबंध में पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने पीपीपी के उपाध्यक्ष आसिफ अली जरदारी से बात की। पीपीपी सामूहिक इस्तीफों को लेकर असमंजस की स्थिति में थी। नवाज से बात होने के बाद पीपीपी भी इस निर्णय पर सहमत हो गई है।