वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अवमानना केस में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील का अधिकार देने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और रिट याचिका दाखिल की है। साथ ही प्रशांत भूषण ने याचिका के माध्यम से एकतरफा, रोषपूर्ण और किसी ओर की भावनाओं पर विचार किए बिना किए फैसले की आशंका को दूर करने का भी अनुरोध किया है।
प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि मूल आपराधिक अवमानना मामले में सजा के खिलाफ अपील का अधिकार एक बड़ी और अलग बेंच के जरिए सुना जाए। याचिका उनकी वकील कामिनी जायसवाल के माध्यम से दायर की गई है।
विश्व में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2.86 करोड़ से अधिक, 9.19 लाख कालकवलित
याचिका में कहा गया है कि अपील का अधिकार संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इसकी गारंटी भी है। यह गलत सजा के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करेगा और वास्तव में रक्षा के रूप में सत्य के प्रावधान को सक्षम करेगा।
दाखिल की गई याचिका में अनुरोध किया गया है कि कोर्ट आपराधिक अवमानना के केस में याचिकाकर्ता समेत दोषी शख्स को बड़ी और अलग पीठ में अपील करने का अधिकार दे। साथ ही याचिका में प्रशांत भूषण ने आपराधिक अवमानना मामले में प्रक्रियागत बदलाव का सुझाव दिया है।
गल्वन घाटी में मारे गए थे 60 चीनी सैनिक, भारतीय सेना के नियंत्रण के बाद चीन की बढ़ी चिंता
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में सजा सुनाते हुए एक रुपये का जुर्मा