शेफ विकास खन्ना ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए यह पूरी कोशिश की कि लॉकडाउन के समय कोई भी मजदूर और जरूरतमंद भूखा ना रहें। और इसी के तहत विकास ने मानवता दिखाते हुए 5 महीने पहले ‘फीड इंडिया कैंपेन’ की शुरुआत की। जिस कैंपेन का उद्देश्य देश के हर कोने में खाना और जरूरत की चीजों को पहुंचाना रहा। हज़ारों किलोमीटर की दूरी तय कर करीबन सौं ट्रक सड़को पर खाने-पीने की व्यवस्था को पूरा करने के लिए निकले।
और अब ‘फीड इंडिया कैंपेन’ इन पांच महीनों की मेहनत में 300 मिलीयन जरूरतमंदों तक खाना-पीना और अत्यावश्यक वस्तूओं को पहुचा चुका है।
चाहे वह बिहार और असम में बाढ़ से जूझ रहे लोग हो या मुंबई के डब्बावाले या, सिनेमा के जूनियर कलाकार या वह एनजीओ ही क्यों ना हो.. कैंपेन ने सभी लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश की।
वहीं यूएस में रहने के बावजूद शेफ विकास खन्ना ने इस कैंपेन को सतत आगे बढ़ाया। विकास का कहना हैं कि,’मैं बहुत खुश हूं कि, हमारी कोशिश रंग लाई और हमने जरूरतमंदों की मदद करने के सपने को पूरा करते हुए अब तक 30 मिलीयन लोगों की मदद की। इन सब में सटीक प्लॉन और बेहतरीन एक्सीक्यूशन की जरूरत पड़ी पर मदद करने के बाद मिले संतोष की तुलना इन सब से परे है। इसी के साथ मैं ‘मुकुंद महादेव फाउंडेशन’ का अभारी हूं जिन्होंने हर क्षण इस कैंपेन में सहयोग दिया। यह हमसब की मेहनत और एक-दूसरे के सपोर्ट और मेहनत का नतीजा है जिससे हम जरूरतमंदों तक पहुंच पाए।’
बहुत से एनजीओ, एनडीआरएफ और ओरगनाइजेशन की मदत से हमरा यह पहल सफल रहा। इन खान-पान की व्यवस्था के साथ विकास खन्ना ने 4 करोड़ सिलीपर ,3 मिलीयन सैनीटरी पैड और 2 मिलीयन फेस मास्क भी जरूरतमंदों को दिए।
वहीं ‘मुकुंद महादेव फाउंडेशन’ के ट्रस्टी रीतु प्रकाश छाबरीया ने कहा,’ फीड इंडिया कैंपेन के जरिए हमने समाज के अलग-अलग वर्गों की मदद की जैसे ट्रांसजेंडर, नाविक, आदि। इसके अलावा ईद, गणेश उत्सव मनाने वाले समुदाय की मदद के साथ ही उनकी आवश्यकताओं को समझा एंव पूरा किया। हमने अपने समाज, अस्पताल, इंस्टीट्यूट और अन्य लोगों की सहायता मेडिकल संबंधित कीट और अन्य आवश्यक चीजों के साथ की। वहीं विकास खन्ना एंव फीड इंडिया कैंपेन के साथ जुड़कर हमने बहुत आगे तक काम पूरा करने की पूरी कोशिश की। यह हमारे लिए बेहतरीन जर्नी रही एकसाथ मिलकर हमने एकता की मिसाल भी कायम की।’
वैसे बता दें, हाल ही में फीड इंडिया कैंपेन ने गणेश उत्सव एंव श्राद्ध के समय में 2 मिलीयन लोगो को खाना पहुंचाकर त्यौहार के उत्सव को सही अर्थ में मनाया। और इन खान-पान के मील बॉक्स को सिद्धीविनायक मंदिर, अंधेरी का राजा और लालबाग का राजा इन गणेश पंडालों और मंदिरों में पहले प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाता था और फिर ही ट्रक से भरे खानों को एनडीआरएफ की मदत से जरूरतमंदों तक पहुचाया गया।
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