प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक के प्रोड्यूसर, संदीप सिंह, अपने दोस्त सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से ही कुछ मीडिया और आम जनता के शक के घेरे में आ रहें हैं। और यहाँ तक कि उनपर कई गंभीर आरोप भी लगाए जा रहे हैं। मीडिया और लोगों द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों के बारे में बात करते हुए संदीप सिंह ने कहा कि ये चीजें उनके लिए बहुत ही स्ट्रेसफुल हो गई है, और साथ ही उन्हें और उनके परिवार को लगता है कि उनका करियर अब खत्म हो गया है, क्योंकि सुशांत सिंह के केस ने उनके जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
अभी हाल ही में संदीप ने सुशांत और उनकी बहन के बीच अपनी दोस्ती को साबित करने के लिए कई मैसेज के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए थे। सुशांत के साथ संदीप के बातचीत का चैट 2016, 2017 और 2018 का है। जिसमें दोनों ने लोनावला में मिलने का प्लान भी बनाया है।
सुशांत के साथ अपने चैट को शेयर कर संदीप ने कैप्शन में लिखा था, “सॉरी भाई, मेरी खामोशी ने 20 साल से बनाई मेरी इमेज और परिवार को टुकड़ों में बांट दिया है। मुझे नहीं पता था कि आजकल के समय में दोस्ती को सर्टिफिकेट चाहिए होता है। आज मैं हमारे पर्सनल चैट्स को पब्लिक के सामने रख रहा हूं, क्योंकि यही एक आखिरी उपाय है हमारे रिश्ते को साबित करने का।”
एक लीडिंग न्यूज़ एजेंसी (आईएएनएस) के साथ इंटरव्यू के दौरान, संदीप ने कहा कि उन्होंने चैट को सार्वजनिक कर दिया, क्योंकि उनकी चुप्पी ने उन्हें मीडिया ट्रायल और आलोचनाओं का शिकार बना दिया।
संदीप सिंह ने कहा, “मेरा परिवार मुझे मुंबई छोड़ने के लिए कह रहा है, और मेरी सोसाइटी के लोग मुझे सोसाइटी छोड़ने के लिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले 20 दिनों से मीडिया मेरे घर के सामने भीड़ लगाए हुए है और जब भी मैं बाहर जाता हूं तो मेरी कार पर धमाके होते हैं। लोग मेरा पीछा कर रहे हैं। ऐसा क्यों?”
यह अफवाहें सामने आ रहीं है कि संदीप कथित रूप से यूके भागने की प्लानिंग कर रहे है? इस आरोप पर संदीप ने कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत छोटा आरोप है। मेरे खिलाफ, एक भाजपा नेता और एक कांग्रेस नेता ने बड़े आरोप लगाएं हैं – छेड़छाड़ करने के बारे में, मर्डरर होने के बारे में, एक प्लानर होने का। और साथ ही एक ड्रग पेडलर और ऐसी कई अफवाहें भी है। हर दिन मेरे ऊपर एक नया आरोप लगा है, जिसने मुझे स्ट्रेस में डाल दिया है। मेरे ऊपर लगे इन आरोपों ने मेरा आत्मविश्वास तोड़ा है और मेरे परिवार को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।”
उन्होंने कहा, “मेरा परिवार सोचता है कि मेरा करियर खत्म हो गया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि किसी की जिंदगी में ऐसे दिन ना आएं जैसे मैं और मेरे परिवार ने पिछले कुछ महीनों में जिया है। मैं अपने ही घर पर ना खा पा रहा हूँ, ना सोना पा रहा हूं और ना ही कुछ काम कर पा रहा हूँ। मुझे लगता है कि सही लॉकडाउन मेरे लिए अभी शुरू हुआ है। कुछ दिनों से मीडिया मेरे घर के बाहर खड़ी है और मुझे नहीं पता कि ये सब मैं कैसे हैंडल करूँ।”
14 जून को सुशांत के निधन के बाद सुशांत के घर में मौजूद होने के संदीप सिंह के उद्देश्य पर सवाल उठाए जाने को लेकर और 16 जून यानि कि सुशांत के निधन के दो दिन बाद एम्बुलेंस ड्राइवर को फोन करने के सच को बताते हुए संदीप ने कहा, “हम जल्द ही मानवता में विश्वास खो देंगे।” “क्यों? क्योंकि मैंने खबर सुनते ही अपने दोस्त के घर जाने की गलती कर दी? और जब पटना, चंडीगढ़ और अमेरिका में सुशांत का परिवार था और यहाँ मैंने (सुशांत की बहन) मीतू दीदी के साथ खड़े होने की गलती कर दी। मेरी गलती यह थी कि मैंने दूसरे की तरह नहीं सोचा। मुझे भी घर, अस्पताल या अंतिम संस्कार में नहीं आने वाले अन्य लोगों की तरह सोचना चाहिए था। क्या उनके परिवार का समर्थन करना एक अपराध है? लॉकडाउन में, कोरोना में मैं बाहर गया था। मैं एक बिहारी हूं, और जब हम एक अजनबी के शरीर को भी ले जाते हुए देखते हैं तो हम उसे भी अपना कंधा दे देते है, और सुशांत तो मेरा दोस्त था।”
उन्होंने कहा, “मैं इरफान खान के अंतिम संस्कार में भी गया था। मैं श्रीदेवी, यश चोपड़ा, जगजीत सिंह और शम्मी कपूर के अंतिम संस्कार में भी गया था। मैं पिछले 20 वर्षों से इंडस्ट्री में हूं, और मैने दोस्त बनाएं है तो क्या मुझे ऐसे रिश्तों का सम्मान नही करना चाहिए?”
संदीप सिंह ने इतने दिनों बाद सुशांत और उनके परिवार के साथ अपने व्हाट्सएप को वायरल किया, तो अब तक वह चुप क्यों थे?
“सोशल मीडिया पर सुशांत और मीतू दीदी के साथ अपने चैट को वायरल करने में मैं शर्मिंदा महसूस कर रहा था। यह सबसे बुरा काम है जो कोई कर सकता है, लेकिन मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था। मैं बहुत दिनों तक चुप रहा, गालियाँ सुनता रहा। लोगों को किसने अधिकार दिया जो मेरी माँ और बहन को गालीयां दे रहे हैं! इसीलिए मुझे गुस्सा आ गया और मैने बाहर आकर बोलने का फैसला किया।”
संदीप ने कहा, “लोगों ने ये भी लिखा है कि मेरे दाऊद के साथ संबंध हैं। अगर यह सच है तो पैसा कहाँ है? मैं क्यों लोगों से पूछ रहा हूं कि मेरी फिल्मों को फंड दें?”
एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, सुशांत और संदीप पिछले दस महीनों से संपर्क में नहीं थे। संदीप और सुशांत के बीच आखिरी कॉल सितंबर 2019 में हुई थी। 14 जून को, उनके निधन की खबर सामने आने के बाद, संदीप सिंह ही सबसे पहले सुशांत सिंह के घर पर पहुंचने वाले पहले लोगों में से एक थे।
कुछ दिनों पहले सुशांत की भतीजी मल्लिका सिंह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था, “सुशांत के परिवार को नहीं पता कि संदीप सिंह कौन हैं। मीतू मासी शव देखने के बाद बेहोश हो गई, इसलिए किसी को यह सुनिश्चित करना पड़ा कि वह ठीक चल सके और संदीप उस समय वहां थे। मैं रिपीट करती हूं, वह संदीप सिंह को नहीं जानती।”
हाल ही में, महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने कहा कि उन्हें संदीप के कथित ड्रग लिंक की जांच के लिए कई रिक्वेस्ट आ रही हैं। उन्होंने कहा कि वो इन रिक्वेस्ट को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को भेज देंगे।
जब संदीप से पूछा गया कि वह सितंबर 2019 से सुशांत के संपर्क में क्यों नहीं थे तो उन्होंने कहा, “सुशांत एक स्टार थे। वह ‘छीछोरे’ और ‘दिल बेचारा’ जैसी फिल्में कर रहे थे। जनवरी 2019 से मैंने ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ के लिए कास्टिंग शुरू कर दी। क्या यह एक है मजाक है? क्या मैं एक कॉमेडी फिल्म बना रहा था? यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी। फिल्म की रिलीज के दौरान क्या हुआ, हर कोई जानता है। मैं उस समय ट्रोमा से गुजरा था। इसलिए मैं अपने काम में व्यस्त था और सुशांत अपने काम में व्यस्त था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है। हमने एक दूसरे की परवाह नहीं की। अगर हम दोनों काम से फ्री होते तो हम कनेक्ट जरूर हुए होते।”
कुछ दिनों पहले, संदीप सिंह के मीडिया मैनेजर ने ट्विटर पर यह जानकारी शेयर की कि संदीप, सुशांत सिंह राजपूत मामले में उन लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर रहे हैं जो उनके बारे में अफवाह फैला रहे हैं।