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मैंने गुलज़ार साहब और अन्य फिल्मकारों से बहुत कुछ सीखा है – मृणालिनी पाटिल

फ़िल्मकार मृणालिनी पाटिल, जिन्होंने कगार: लाइफ ऑन द एज जैसी फ़िल्म का निर्माण किया है और शोध किया है और मंथन: एक अमृत प्याला , राखंदार और काय राव तुम्ही जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है, महामारी के बाद से समाज के सामाजिक कल्याण के लिए कई काम कर रही हैं। इन्होने महामारी के दौरान मुद्दों से निपटने के तरीके पर कई वीडियो बनाए हैं और वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।

हाल ही में, इन्होने ‘परिचय बातों बातों में’ नामक  एक श्रृंखला बनाई है जिसमें जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग शामिल हैं।  ये वो लोग है जिन्होंने शिक्षा, फिल्मों और कला में योगदान दिया है। मृणालिनी का कहना है,   “हम शिक्षा और कला में योगदान देने वाले कई रचनात्मक लोगों के प्रयासों को उजागर करना और लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे।”

ओम पुरी और नंदिता दास अभिनीत, मृणालिनी की फ़िल्म कगार को समीक्षकों द्वारा बहुत सराहा गया था । उन्होंने कहा, “फिल्म एक बड़ी हिट थी और अमिताभ बच्चन फिल्म के लॉन्च के लिए आए थे। गुलज़ार साहब ने फिल्म के लिए एक गीत लिखा था और मैं चाहती थी कि वह गीत लिखें। उन्होंने मेरे टीवी सीरीज के लिए भी एक गीत भी लिखा था। मैंने उनकी फिल्म माचिस के सेट पर एक सहायक के रूप में काम किया था । मैंने तिग्मांशु धूलिया, इम्तियाज अली और ऐसे कई रचनात्मक फ़िल्मकारों से बहुत कुछ सीखा है।”

मृणालिनी ने कहा, “फिल्म निर्माण एक जुनून है। मैंने काम करते हुए और सिनेमा में योगदान करते हुए बहुत कुछ सीखा है। पिछला एक साल कठिन रहा है क्यूंकि मैं कोई नया फिल्म प्रोजेक्ट शुरू नहीं कर पाई हूं। मेरे पास कुछ अच्छे स्क्रिप्ट हैं और मुझे उम्मीद है की मैं जल्द ही इस पर काम शुरू करुँगी । पिछला एक साल काफी कठिन रहा है और यह सभी के लिए सीखने का समय था।” मेरी हिंदी फिल्म कार्बन प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग और भ्रष्टाचार पर आधारित है, जिसमें लक्ष्मी गोपालस्वामी अभिनेत्री हैं और अन्य जाने माने अभिनेता हैं। ये फ़िल्म जल्द ही रिलीज होने के लिए तैयार हैं।

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