लखनऊ। लापरवाही पर उप्र ट्रांसमिशन निगम लिमिटेड ( UP Transmission Corporation Limited ) के 10 से ज्यादा इंजीनियर और कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। 1200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार 765 केवी अनपरा डी उन्नाव ट्रांसमिशन लाइन (Transmisison line) पिछले 6 महीने से बंद है।
यहां गलत कनेक्शन दे दिया गया था। जिसकी वजह से इस लाइन से बिजली सप्लाई नहीं हो रही थी। इसको लेकर अब उत्तर प्रदेश नियामक आयोग ने सख्त कदम उठाया है। इसमें कहा गया है कि जितने भी लोग दोषी हैं उनकी जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बताया जा रहा है कि मामले में 10 से ज्यादा इंजीनियरों पर कार्रवाई तय है।
यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसको लेकर नियामक आयोग में प्रत्यावेदन दिया था। उसके बाद आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। अब रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग ने आदेश जारी किया है कि मामले में जितने भी लोग दोषी हैं, सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
75 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान
लाइन खराब होने से से पर्याप्त बिजली सप्लाई नहीं हो पाई और विभाग को महंगी बिजली खरीदनी पड़ी। 6 रुपए यूनिट वाली बिजली 12 रुपए तक खरीदी गई और पावर कॉर्पोरेशन को करीब 75 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है।
उत्तर प्रदेश में श्रमिकों के बच्चे पढ़ सकेंगे बोर्डिंग स्कूल में
गलती पकड़ में आई तो अब ट्रांसमिशन सेक्शन ने लाइन बनाने वाली कंपनी ओबरा-सी बदायूं ट्रांसमिशन कंपनी को पत्र लिखा है। इसमें जल्द लाइन सही करने को कहा गया है। जिससे कि पर्याप्त सप्लाई हो सके और लाइन लॉस भी न हो।
अधिकारियों ने लाइन बनाने वाली कंपनी की गलती को देखते हुए उनको नुकसान की भरपाई करने का आदेश भी दिया है। पत्र में उनसे अब तक होने से वाले पूरे नुकसान का पैसा मांगा गया है।
1200 करोड़ रुपए से बनी लाइन 6 महीने से बंद
पावर प्लांट की बिजली आम आदमी तक पहुंचे इसके लिए ट्रांसमिशन लाइन बनाई जाती है। ट्रांसमिशन लाइन से वह बिजली उपकेंद्र तक आती है। वहां से उसको उपभोक्ताओं तक भेजा जाता है। ऐसी ही एक लाइन ओबरा-सी पावर प्लांट ने निकाली गई।
इस प्लांट की बिजली निकासी के लिए 765 केवी की इस लीलो लाइन पर रिएक्टर गलत जगह पर लगा दिया गया। अब यह लाइन फरवरी से बंद कर दी गई। यह लाइन ठीक रहती तो करीब 500 मेगावाट सस्ती बिजली यूपी को मिल जाती।