शामली। उत्तर प्रदेश के शामली में नवरात्र के व्रत के दौरान बाजार में बिक रहा दूषित कुट्टू का आटा (kutu flour) खाने से एक महिला और कुछ बच्चों सहित 10 लोग बीमार (sick) हो गए।
जिला प्रशासन की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार शनिवार को शामली जनपद के कस्बा थानाभवन में नवरात्रि के त्यौहार पर व्रत में खाये जाने वाले कुट्टू के आटे का कुछ लोगों ने इस्तेमाल किया। जिसके बाद थानाभवन के मोहल्ला हाफिज दोस्त निवासी स्नेहलता पत्नी धर्मपाल, मीनाक्षी पुत्री धर्मपाल, सारिका पत्नी संजीव, गीता पत्नी महिपाल, पूजा पत्नी प्रमोद, परवेश पुत्र पप्पू, राम लेश पत्नी पप्पू बेबी पत्नी लाला को उल्टी और चक्कर आने की शिकायत हुयी। इनमें से दो महिलाओं की हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शेष मरीज अपने ही घर पर प्राइवेट चिकित्सक की निगरानी में इलाज करा रहे हैं।
बीमार हुए लोगों में से कुछ को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं कुछ अन्य शहर के प्राइवेट चिकित्सक से इलाज करा रहे हैं। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने मामले का संज्ञान लेकर एसडीएम शामली को कठोर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कुट्टू का आटा खाने से फूड प्वाइजनिंग के कारण कुछ लोगों की तबीयत खराब हो गई है। इस घटना पर संज्ञान लेकर उप जिला अधिकारी एवं खाद्य विभाग की टीम को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को बीमार हुए लोगों का उपचार करने काे कहा गया है।
जिलाधिकारी के आदेश पर शामली के उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार ने खाद विभाग की टीम के साथ बीमार लोगों के घर पहुंचे कर मामले की जानकारी ली। टीम ने उस दुकान से आटे का सैंपल लेकर जांच के लिये भिजवा दिये जहां से इन लोगों ने आटा खरीदा था। इस कार्रवाई से घबराये कई लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर दी। सिंह ने कहा कि कस्बे में कुट्टू का आटा खाने से कुछ लोगों के बीमार होने की सूचना मिलने पर तत्काल इनके इलाज की व्यवस्था की गयी। खाद्य सुरक्षा टीम ने आटा बिक्रेता किराना स्टोर से सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम की शुरुआती जांच में पता चला है कि उक्त लोगों ने कस्बे में स्थित सतीश कुमार और पवन कुमार किराना स्टोर से कुट्टू का आटा खरीद कर उसकी रोटी खाई थी। इसके सेवान के बाद रात में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी।
अस्पताल ले जाने पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक डा विक्रम की देखरेख में बीमार लोगों का उपचार किया गया। इसके बाद इन लोगों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। डाक्टर का कहना है कि खराब एवं दूषित भोजन से इन लोगों की तबियत बिगड़ गयी। डाक्टरों ने फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति को खतरे से बाहर बताया है।