उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के तहत अब तक 1,05,427 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया और इस पर 483.23 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है।
राज्य के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने विभाग की विगत चार वर्षों की उपलब्धियों के सम्बन्ध में आज यहां संवाददाताओं को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के गठन के बाद गरीब व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरूआत की गई। इस योजना के तहत वर्तमान में 51,000 रुपये की अनुदान दी जा रही है। उन्होंने बताया कि योजना प्रारम्भ से अब तक 1,05,427 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुए 483.23 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है।
उन्होने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी के लिए अनुदान योजना के तहत 20,000 की धनराशि दी जाती है। पिछले चार वर्षों में 2,51,065 व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी के लिए 502.13 करोड़ की धनराशि व्यय करते हुए लाभान्वित किया गया।
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समाज कल्याण मंत्री श्री शास्त्री ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत वतमान में 51,21,454 वृद्धजनों को पेंशन की सुविधा प्रदान की जा रही है। पेंशन योजना के तहत सरकार गठन के बाद 14,68,847 नवीन पेंशनरों को लाभान्वित किया गया। पेंशन धनराशि 400 से बढ़ाकर 500 प्रतिमाह की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग छात्रवृत्ति (पूर्वदशम् तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति) में 21,29,201 छात्र लाभान्वित हुए थे। वर्ष 2019-20 में 27,25,394 छात्र लाभान्वित हुए, जो वर्ष 2016-17 के सापेक्ष लाभान्वित छात्र संख्या में 28 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 103 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित है, जिसमें समाज कल्याण विभाग द्वारा 94 एवं जनजाति विकास विभाग द्वारा 9 विद्यालय सम्मिलित है। इन विद्यालयों में छात्रों को निःशुल्क शिक्षा, भोजन, पाठ्य पुस्तकें, ड्रेस, आवास आदि की सुविधा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। योजना के तहततर्गत 20 नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय तथा 45 ट्रान्जिट हास्टल निर्माणाधीन है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में 07 राजकीय कोचिंग केन्द्र संचालित है। विगत चार वर्षों में कुल 489 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जिसमें 51 अभ्यर्थी पी0सी0एस0/आई0ए0एस0 परीक्षा में एवं 438 अभ्यर्थी अन्य सेवाओं में चयनित हुए है।
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श्री शास्त्री ने बताया कि गोरखपुर में लगभग 871.50 लाख रुपये की लागत से एक नवीन राजकीय कोचिंग केन्द्र का निर्माणाधीन है, जिसे आगामी वित्तीय वर्ष से संचालित कराया जायेगा। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में वर्ष 2017 से अब तक 5,09,213 परिवारों को रू0 1527.64 करोड़ की धनराशि व्यय करते हुए आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। वृद्धाश्रम में 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को निःशुल्क भोजन, आवासीय, वस्त्र, चिकित्सा, मनोरंजन आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश के 22 जनपदों में वृद्धाश्रम स्थापित थे, वर्तमान में 75 जिलो में एक-एक वृद्धाश्रमों की स्थापना कर दी गयी है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसचित जाति के युवाओं को स्वरोजगार के लिए विगत चार वर्षो में लगभग एक लाख आठ हजार व्यक्तियों को लगभग 570.00 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया, जिसमें 108.00 करोड़ रूपये अनुदान के रूप में शामिल है। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 3,749 ग्रामों का चिन्हीकरण कर 20.00 लाख रूपये की निधि से अवसंरचनात्मक कार्यो को कराये जाने के लिए 1,072 ग्रामों की कार्य योजना तैयार की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जनजाति विकास विभाग द्वारा संचालित 87 लघु वन उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किये जाने की योजना वर्ष 2019-20 में आरम्भ की गई। उत्तर प्रदेश वन निगम को रू0 320.00 लाख धनराशि उपलब्ध करायी गई है।
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श्री शास्त्री ने बताया कि जनजाति विकास विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना के तहत गैर लकड़ी के वनोत्पाद का उपयोग करके जनजातियों के लिये आजीविका का साधन उत्पन्न करना है। योजना के तहत सोनभद्र में तीन तथा ललितपुर में दो वन धन विकास केन्द्र संचालित हैं। उन्होंने बताया कि जनजाति विकास विभाग द्वारा एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय ललितपुर एवं सोनभद्र जिले में निर्माणाधीन है। बिजनौर में ‘‘सह-शिक्षा जनजाति विद्यालय’’ निर्माणाधीन है तथा सोनभद्र में प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि जनजाति विकास विभाग द्वारा गोरखपुर (विश्व विद्यालय परिसर), खीरी (पलिया), बलिया (विश्व विद्यालय परिसर), गोण्डा (जय प्रभा ग्राम) एवं बलरामपुर (पं0 दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान) पाँच छात्रावास निर्माणाधीन है। ट्राइबल म्यूजियम की स्थापना, लखनऊ में प्रस्तावित है।
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्य मंत्री जीएस धर्मेश, अध्यक्ष उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम डा0लालजी प्रसाद निर्मल, प्रमुख सचिव समाज कल्याण बी एल मीणा, निदेशक समाज कल्याण बाल कृष्ण त्रिपाठी, सहित अन्य सम्बधित अधिकारी उपस्थित थे।