लखनऊ समेत देश के आठ महानगरों में लागू सेफ सिटी परियोजना के दूसरे चरण का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को करेंगे।
आधिकारिक सूत्रो ने रविवार को बताया कि महिलाओं को भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के लिए चल रही सेफ सिटी परियोजना के दूसरे चरण का लोकापर्ण इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आठ मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करंगे। लखनऊ सेफ सिटी परियोजना के लिए अनुमोदित 194 करोड़ में 60 प्रतिशत अनुदान केन्द्र व 40 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है।
उन्होने बताया कि लखनऊ सेफ सिटी परियोजना की तरह प्रदेश के अन्य 12 जिले गोरखपुर,वाराणसी, गोतमबुद्धनगर, मेरठ, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, झांसी, मुरादाबाद व सहारनपुर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी परियोजनाएं लागू किए जाने के लिए संबधित मंडलों के मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक अधिकारिता समिति का गठन किया जाएगा।
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सूत्रों ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए लखनऊ समेत देश के आठ महानगरों में सेफ सिटी परियोजना शुरू की गई है। सेफ सिटी परियोजना के तहत पहले चरण में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में महिला सुरक्षा के लिए 100 पिंक बूथ बनाए जा रहे हैं। इसमें से 70 पिंक बूथ बनकर तैयार हो चुके हैं। वहीं, महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों को 100 टू व्हील पिंक पेट्रोल व 10 फोर व्हीलर पिंक पेट्रोल दिए गए हैं। जिनसे व लगातार स्कूल, कॉलेज व बाजारों में गश्त कर रही हैं।
उन्होने बताया कि महिलाओं की सुविधाओं के लिए शहर के 74 स्थानों पर विशेष सुविधा युक्त पिंक टॉयलेट का निर्माण भी कराया जा रहा है, जिसमें से 18 पिंक टॉयलेट बनकर तैयार हो चुके हैं। सेफ सिटी परियोजना के तहत शहर के डार्क स्पाटस को चिन्हित कर वहां पर प्रकाश की व्यवस्था की जा रही है। अब तक 3625 डार्क स्पाटस चिन्हित किए गए हैं। इसमें से 660 पर प्रकाश की व्यवस्था की जा चुकी है जबकि 2965 स्थानों पर मार्च के अंत लाइट लगा दी जाएगी। इससे रात में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगेगा।
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सेफ सिटी परियोजना के अन्तर्गत संचालित वीमेन पावर लाइन 1090 भी महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। बेहतर परिणाम मिलने के बाद वीमेन पावर लाइन की क्षमता बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा टेक्नोलॉजी को बढ़ाते हुए यूपी 112 से इंटीग्रेशन, साइबर फारेंसिक सुविधा, डाटा एनालिटिक केन्द्र भी स्थापित किए गए हैं। हॉट स्पॉट पर सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, कंट्रोलरूम के जरिए निगरानी की जा रही है। सिटी बसों में पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे व जीपीएल लगाने का काम भी दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा।