जयपुर मेट्रो प्रथम के जिला न्यायाधीश ने राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा द्वारा 2014 में विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किये गये इंडियन मुजाहिदीन के 12 सदस्यों को दोषी करार देते हुए मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया।
राजस्थान पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और विशेष कार्यबल (एसओजी) ने 2014 में एनआईए की सूचना पर अलग अलग शहरों से आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से कथित तौर पर जुड़े 13 लोगों को गिरफ्तार किया था।
लोक अभियोजक लियाकत खान ने बताया, जिला न्यायधीश उमा शंकर व्यास ने मंगलवार को इनमें से 12 को गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई गई जबकि एक व्यक्ति को बरी किया।
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उन्होंने बताया कि अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121-ए (भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने, या ऐसा युद्ध करने का प्रयत्न करने या ऐसा युद्ध करने का दुष्प्रेरण करने) के तहत अधिकतम आजीवन कारावास की सजा दी है। उन्होंने बताया कि अदालत ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है। खान ने बताया कि ये लोग मुख्य रूप से बम बनाने की गतिविधियों में लिप्त थे।
अदालत ने मोहम्मद अम्मार (बिहार), मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद उमर, अब्दुल वाहिद गौरी, मोहम्मद वकार, अब्दुल माजिद ऊर्फ अद्दास (सभी सीकर से) मोहम्मद मारूफ (जयपुर) वकार अजहर (पाली), बरकत अली, मोहम्मद साकिब अंसारी और अशरफ अली खान (सभी जोधपुर) को दोषी मानते हुए सजा सुनायी है। जबकि मशरफ इकबाल (जोधपुर) को बरी कर दिया है।
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मारूफ, वकार, और अंसारी की गिरफ्तारी के समय पुलिस ने आतंकवादी हमले को बेनकाब करते हुए इनके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटरर्स, इलेक्ट्रोनिक सर्किटाटाइमर बरामद किया था।