वाराणसी। उत्तर प्रदेश के बनारस में टैटू (Tatoo) बनवाने के बाद 12 लोग HIV पॉजिटिव पाए गए हैं। दो महीने में अस्पताल में हुई जांच में 10 लड़के और दो लड़कियां एचआईवी संक्रमित पाई गई हैं। टैटू बनवाने से बड़ी संख्या में HIV संक्रमण की पुष्टि से हड़कंप मच गया है।
संक्रमित पाए गए सभी मरीजों की जांच पिछले दो महीनों में पंडित दीन दयाल जिला अस्पताल में कराई गई थी। अब 12 लोग HIV संक्रमित पाए गए हैं। अस्पताल की डॉक्टर के मुताबिक सभी में संक्रमण की वजह टैटू बनवाने के लिए संक्रमित निडल का इस्तेमाल करना है। यह जानकारी एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की डॉक्टर की तरफ से दी गई है।
डॉक्टर के मुताबिक संक्रमित पाए गए सभी लोगों ने हाल ही में टैटू बनवाए थे। जिसके बाद इस सभी लोगों को लगातार बुखार आने के साथ ही कमजोरी हो रही थी। जब सभी ने जांच करवाई तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। जांच में ये भी पता चला है कि इन सभी संक्रमित लोगों ने किसी फेरीवाले या फिर मेले में टैटू गुदवाया था। डॉक्टर का कहना है कि निडल संक्रमित होने की वजह से सभी HIV संक्रमित हुए हैं।
टैटू का शौक पड़ा भारी
टैटू बनवाने के बाद ये सभी लोग बुखार और कमजोरी से जूझने लगे। दवा लेने के बाद भी इन लोगों को फायदा नहीं हो रहा था। धीरे-धीरे उनका वजन भी कम हो रहा था। जब उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई तब जाकर उनका HIV टेस्ट करवाया गया, जिसके बाद सभी में संक्रमण की पुष्टि हुई। 12 लोगों के संक्रमित मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। इसके पीछे का कारण संक्रमित सुई का इस्तेमाल करना बताया जा रहा है।
12 लोग HIV संक्रमित
टैटू बनवाते समय हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि कहीं एक ही सुई का इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है। निडल महंगा होने की वजह से कई लोग एक ही सुई से एक से ज्यादा लोगों का टैटू बना देते हैं, इससे संक्रमण एक के बाद दूसरे को आसान सी फैल जाता है। सस्ते टैटू की वजह से लोगों को जिंदगी काफी महंगी पड़ जाती है।
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक टैटू बनवाते समय हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि टैटू आर्टिस्ट संक्रमण के प्रति जागरुक है या नहीं। जांच परखने के बाद ही टैटू करवाना चाहिए, नहीं तो जान भी जा सकती है। बनारस इसका ताजा उदाहरण है। सस्ते टैटू की वजह से 12 लोगों की जिंदगी जोखिम में पड़ गई है। 12 लोगों में HIV संक्रमण पाया गया है।