देश के दिग्गज कारोबारी घरानो की जब भी बात आती है तो अंबानी, टाटा, बिड़ला, गोदरेज (Godrej) के नाम गिने जाते हैं। अब खबर आ रही है कि 125 साल पुराने गोदरेज ग्रुप का बंटवारा हो सकता है। 1.76 लाख करोड़ के वैल्यू वाले इस घराने में बिजनेस बंटवारे की कवायद शुरु हो चुकी है। आखिर क्या है माजरा और कैसे इस दिग्गज घराने का होगा बंटवारा, आइए जानते हैं।
कार्पोरेट्स का बंटवारा इसलिए भी खास होता है क्योंकि इसमें उस घराने के साथ-साथ कईयों का भविष्य भी जुड़ा होता है। और सबसे खास बात है कि दिग्गज कारोबारी घरानों के बंटवारे में कई पेंच होते हैं। अगर आपको मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी का बंटवारा याद हो तो आप इसे समझ सकते है।
1.76 लाख करोड़ का गोदरेज (Godrej) ग्रुप
गोदरेज (Godrej) ग्रुप का जब भी नाम आता है तो सबसे पहले ताले पर दिमाग जाता है। दरअसल 1.76 लाख करोड़ की बन चुकी गोदरेज ग्रुप ने अपने सफर की शुरुआत ताले बेचकर की थी। भारत की सबसे पुरानी कंपनियों में शुमार इस ग्रुप की शुरुआत 5 दशक पहले हुई थी। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब इस ग्रुप के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। सूत्रों के मुताबिक यह बातचीत ए़डवांस स्टेज में पहुंच चुकी है और जल्द की इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
क्या है मौजूदा हालात
गोदरेज (Godrej) ग्रुप के पास मौजूदा समय में 5 लिस्टेड कंपनियां है। इनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोजरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज एग्रोवेट, गोदरेज प्रॉपर्टीज और लाइफसाइंसेज शामिल है। फिलहाल गोदरेज परिवार में दो ग्रुप हैं। गोदरेज ग्रुप के मुखिया आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर के पास गोदरेज (Godrej) इंडस्ट्रीज एंड एसोसिएट्स की कमान है।
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वहीं गोदरेज गोदरेज एंड बॉयस मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी की कमान आदि गोदरेज के चचेरे भाई जमदेश गोदरेज और स्मिता कृष्णा गोदरेज के पास है। अब खबर है कि इस ग्रुप के इंजिनीयरिंग, सिक्योरिटी, एग्री, रियल एस्टेट और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के वर्टिकल का बंटवारा किया जा सकता है।
ताले बेचकर हुई थी शुरूआत
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस ग्रुप की वैल्यूएशन आज 1.76 लाख करोड़ की है। इसकी शुरूआत कभी ताले बेचने से हुई थी। अब इस ग्रुप ने अपना विस्तार इतना कर लिया है कि ये करीब करीब हर सेक्टर में अपना हाथ आजमा रही है। इस ग्रुप ने वित्तवर्ष 2023 के 42,172 करोड़ का भारी भरकम रेवेन्यु हासिल किया है। वहीं प्रॉफिट की बात करें तो इस दौरान कंपनी का लाभ 4000 करोड़ के पार रहा है।
कहां फंच सकता है पेंच
किसी भी बड़े कारोबारी बंटवारे में कई तरह के पेंच आते हैं। गोदरेज (Godrej) ग्रुप की बात करें तो यहां भी एक पेंच फंसता हुआ दिख सकता है। जानकारों के मुताबिक कंपनी की एक ऐसेट जीएंडबी के 3400 एकड़ की जमीन का मामला सुलझाना अहम है। इस जमीन के बंटवारे में इक्विटी क्रॉसहोल्डिंग्स को लेकर पेंच फंस रहा है। हालांकि कोशिश की जा रही है कि इस मुद्दे को अंदरुनी तरीके से ही सुलझा लिया जा सके। दरअसल इस सुलझाने में सबसे बड़ा पेंच इसके वैल्यूएशन को लेकर है।