नई दिल्ली. भारत-चीन के मिलिट्री ऑफिसर्स की 12वें दौर की बैठक 31 जुलाई को होगी। चीन ने पहले 26 जुलाई को बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने कारगिल विजय दिवस की वजह से मीटिंग को किसी और दिन करने की मांग की थी।
भारत का फोकस गोगरा, हॉट स्प्रिंग और देसपांग में 900 किलोमीटर इलाके में जारी तनाव को खत्म करने पर है। भारत चाहता है कि यहां पिछले साल की स्थिति बहाल की जाए, लेकिन चीन इसके लिए तैयार नहीं है। भारत गोगरा और हॉट स्प्रिंग में सभी मुद्दों को तत्काल हल करना चाहता है, क्योंकि देपसांग पर आम सहमति बनने में समय लग सकता है।
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11 बार हो चुका है बैठक, लेकिन नतीजा कोई नहीं
इससे पहले हुई 11 बैठकों में पूर्वी लद्दाख में उत्तरी और दक्षिणी पैगॉन्ग लेक इलाके में डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमति बनी थी। सेना के सूत्रों के मुताबिक, इन इलाकों में डिसएंगेजमेंट के बाद दोनों देशों की सेना अपनी-अपनी परमानेंट पोस्ट तक पहुंच गए हैं।
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कई महीनों से आमने-सामने थे सैनिक
गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के रिश्ते खराब चल रहे हैं। दोनों की सेनाएं भारी हथियारों और हजारों सैनिकों के साथ आमने-सामने हैं। भारत ने आर्मी, एयरफोर्स और नेवी तीनों के खतरनाक कमांडो इस इलाके में तैनात कर रखे हैं। फाइटर जेट कई महीने से लगातार उड़ान भर रहे हैं। लंबी तैनाती के हिसाब से भारत ने रसद समेत दूसरा जरूरी सामान पहले ही पहुंचा दिया था।