कानपुर। बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान मोहम्मद व उसके परिवार को अपने लेटरहेड पर भारतीय होने का प्रमाण पत्र देने के मामले में फंसे सपा विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) से मंगलवार को पुलिस की एक टीम जेल में मिलने पहुंची। यहां पर विधायक से 50 पन्नों में 1350 बार हस्ताक्षर कराए, जिनका मिलान लेटरहेड पर हुए हस्ताक्षरों से कराया जाएगा। इस दौरान विधायक खिसिया भी गए और अभद्र शब्दों का इस्तेमाल भी किया। टीम को लगभग एक घंटे का समय लगा हस्ताक्षर के नमूने एकत्र करने में। अब इन नमूनों को झांसी की फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। सपा विधायक इरफान सोलंकी के हस्ताक्षरों का फौरी तौर पर मिलान पुलिस पहले ही एक निजी एक्सपर्ट से करा चुकी थी। इसके बाद जब रिजवान मोहम्मद की नौ घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड ली गई तो उसने भी विधायक द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की बात कबूल कर ली, इसके बाद सोमवार को इरफान का नाम डॉ. रिजवान केस में विवेचना के दौरान जोड़ा गया।
इतने ज्यादा हस्ताक्षर लेने के पीछे पुलिस का तर्क है कि विधायक (Irfan Solanki) अपने हस्ताक्षर कई बार बदल रहे थे, इसलिए उनसे अब इन सभी से प्रमाण पत्र में किए गए हस्ताक्षर का मिलान कराया जाएगा।
जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि 8 नवंबर को जाजमऊ में नजीर फातिमा के प्लॉट पर आगजनी के मामले में पुलिस ने सपा विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) और उनके भाई को जेल भेजा गया था। आगजनी के वक्त विधायक के 18 करीबियों के रहने की जानकारी मिली थी।
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पुलिस इस मामले में सपा नेत्री नूरी शौकत के पिता शौकत अली, हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शरीफ और इजराइल आटा वाला को जेल भेज चुकी है, 15 अन्य की पहचान कर ली गई है। इन्हीं चिह्नितों में तीन को पुलिस ने उठाया है।
इसके अलावा डीटू गैंग के एजाजुद्दीन उर्फ सबलू, पूर्व पार्षद मुर्सलीन खान उर्फ भोलू, हिस्ट्रीशीटर महबूब कुरैशी उर्फ कल्लू, महताब कुरैशी, बटाऊ यादव, साहिबे आलम उर्फ दाढ़ी शाह की तलाश है।