कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश में पैरोल पर रिहा किये गये कैदियों में से निर्धारित अवधि के भीतर जेल वापस नहीं पहुंचने वाले बंदियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश सरकार ने दिये हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना काल में जेलों में निरुध्द सजायाफ्ता बंदियों को पैरोल पर छोड़े जाने के निर्देश दिए थे
जिसके अनुपालन मे उत्तर प्रदेश की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 2256 सजायाफ्ता बन्दियों को प्रदेश की जेलों से आठ सप्ताह की विशेष पैरोल पर रिहा किए जाने की संस्तुति की गई। हालांकि बाद में पैरोल अवधि को 8 -8 सप्ताह के लिए तीन बार बढ़ाया गया।
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आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सरकार ने पिछली 19 नवम्बर को रिहा किये गए बंदियों को तीन दिन के अंदर कारागार में दाखिल होने का निर्देश दिया गया था जिसके अनुपालन में वर्तमान में पैरोल पर रिहा हुए सिद्धदोष बंदियों को पुनः कारागार में दाखिल कराया जा रहा है।
उन्होने बताया कि रिहा 2256 बन्दियों में से पैरोल के दौरान चार की मृत्यु हो गयी जबकि 136 की अंतिम रूप से रिहाई हो गयी वहीं 56 अन्य वाद में जेल में निरुध्द है। इस तरह कुल 193 को छोड़कर शेष 2063 बन्दियों को पुनः जेल में दाखिल होना था जिसमे से प्रतिदिन निरंतर पैरोल पे रिहा हुए बन्दी जेलों में दाखिल हो रहे हैं। अब तक 693 बन्दी विभिन्न जेलों में वापस आ चुके हैं वहीं 1370 बन्दियों को दाखिल होना है।
सूत्रों ने बताया कि निर्धारित अवधि बीतने के बाद इन कैदियों को गिरफ्तार करके जेलों में पुनः निरुध्द कराए जाने संबंधी निर्देश जिलों के पुलिस अधीक्षकों को जेल अधीक्षकों द्वारा पत्र भेजे गए हैं।