उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सोमवार को पुलिस ने पैंगोलिन के साथ 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया गया कि इस मामले में पुलिस ने एसटीएफ के एक सिपाही को भी गिरफ्तार किया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में पैंगोलिन की कीमत चार करोड़ रुपये बताई गई है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची है। बताया गया कि पैंगोलिन की खरीद फरोख्त में नजीबाबाद क्षेत्र के कई रसूखदार लोग भी शामिल हैं। पुलिस पूरे मामले में छानबीन कर रही है।
बता दें कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के मुताबिक, दुनियाभर में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के मामले में अकेले 20 फीसदी योगदान पैंगोलिन का है। यह एक ऐसा जानवर है, जिसकी तस्करी पूरी दुनिया में सबसे अधिक होती है। खासतौर पर चीन में इस जानवर की अधिक डिमांड है। क्योंकि इसकी खाल और मांस से पारंपरिक दवाइयां बनाई जाती हैं।
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सांप, छिपकली की तरह दिखने वाला पैंगोलिन स्तनधारी जीवों की श्रेणी में आता है। दशकों से इस जीव की दुनियाभर में तस्करी हो रही है। इस जीव से बनने वाली दवाएं काफी महंगे दामों पर बिकती हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि अब पैंगोलिन विलुप्त होने वाले जीवों की श्रेणी में पहुंच गए हैं।
वहीं इस जीव का दूसरा सबसे बड़ा इस्तेमाल ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन बनाने में होता है। पैंगोलिन के मांस से अलग दवाएं बनती हैं, तो इसके स्केल्स से अलग किस्म की दवा बनती हैं। हर दवा का उपयोग अलग बीमारी के लिए होता है।
बता दें कि पैंगोलिन शर्मीली प्रवृति का जीव है, जो धरती पर लगभग 60 मिलियन सालों से पाए जाते हैं। ये जीव चींटियां खाकर गुजारा करते हैं। शरीर पर कड़ी और सुनहरी-भूरी स्केल्स वाले इन जीवों का मांस भी खूब शौक से खाया जाता है।
बताया जाता है कि एक किलो पैंगोलिन के मांस की कीमत करीब 27,000 रुपये तक होती है। वेट मार्केट में दूसरे कम कीमत के सस्ते जीवों के साथ पैंगोलिन नहीं बिकता, बल्कि महंगे रेस्त्रां ही इसे बेचते या पकाते हैं।