लखनऊ| लखनऊ विश्वविद्यालय में सत्र 2020-21 में दाखिले के लिए आवेदन करने के बाद भी बड़ी संख्या में छात्र प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। करीब 10 से 16 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने पहले ही चरण में विश्वविद्यालय को न बोल दिया। इन अभ्यर्थियों ने फीस भरकर दाखिले के लिए आवेदन तो किया लेकिन मेरिट सूची आने तक यह गायब हो गए।
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विश्वविद्यालय में सबसे मारामारी वाले पाठ्यक्रम जैसे एलएलबी (पांच वर्षीय), बीसीए, बीएससी तक में दाखिले के लिए छात्र शामिल नहीं हुए। विश्वविद्यालय की ओर से कई बार मौका देने के बाद भी ज्यादातर अभ्यर्थी मार्कशीट और दूसरे दस्तावेज अपलोड करने ही नहीं आए।
यूजी मैनेजमेंट में सबसे ज्यादा बाहर : सबसे ज्यादा करीब 16 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने स्नातक मैनेजमेंट पाठ्यक्रम से दूरी बनाई है। बीते 20 अगस्त को विश्वविद्यालय की ओर से जारी आंकड़ों में 360 सीटों के लिए 2735 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
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दूसरे नम्बर पर बीसीए, एलएलबी से बनाई दूरी-
बीसीए में करीब 12 प्रतिशत अभ्यर्थी आवेदन करने के बाद चले गए। कुल 60 सीटों के लिए 1616 आवेदन आए थे। मेरिट जारी होने तक यह संख्या करीब 12 प्रतिशत तक कम हो गई। एलएलबी पांच वर्षीय पाठ्यक्रम तक से बड़ीसंख्या में छात्र दूर हुए हैं।