उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में पुलिस टीम ने चेकिंग के दौरान डीसीएम पर लदे आलू के बोरे में छिपाकर ले जाई जा रही प्रतिबंधित दवाओं की खेप बरामद की गई। प्रतिबंधित दवा नशे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बिहार ले जाई जा रही थी। दवाओं के साथ पुलिस ने तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। बरामद दवाइयों की कीमत 16 लाख रुपये बताई जा रही है।
मामला बबुरी थाना क्षेत्र के लेवा तिराहा का है। एडिशनल एसपी अनिल कुमार ने बताया कि शनिवार की रात लेवा तिराहा पर बबुरी पुलिस और स्वाट की टीम वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी बीच एक डीसीएम ट्रक आता दिखा। उसे रोक कर जांच की गई तो उसमें आलू के बोरे लदे मिले।
वहीं शक होने पर बोरों को खोला गया तो उसमें प्रतिबंधित कफ सिरप की शीशियां भरी थीं। ट्रक थाने ले जाकर जांच की गई तो 32 बोरों में 95 पेटी में कुल 9 हजार से ज्यादा शीशी बरामद हुई। एसीपी के मुताबिक दवा लेकर जा रहे गिरफ्तार की पहचान विशाल कुशवाहा (ट्रक चालक), अतिन कुमार और श्यामजी कुशवाहा निवासी निजामपुर थाना बिलग्राम हरदोई के रूप में हुई।
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माना जा रहा है बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में है।एक गिरोह द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से मादक पदार्थों एवं दवाओं की तस्करी की जा रही है। जहां इन दवाओं का उपयोग नशा करने के लिये किया जा रहा
पक्षिम बंगाल में चुनाव प्रस्तावित है और माना जा रहा है कि दवाई के रूप में नशे इस खेप को बिहार के साथ साथ पक्षिम बंगाल और नार्थईस्ट के राज्यों को सप्लाई किया जाना था।
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गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया की इस दवा का उपयोग नशे के रूप में किया जाता है। जिसे वह लेकर वाराणसी से लेकर बिहार जा रहा थे। पूरे मामले में पुलिस ने ट्रक ड्राइवर समेत तीन तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बता दें कि फेंसिडिल कफ सिरप के सेवन से अत्यधिक नशा होता है. इसी वजह से इसका प्रयोग वर्जित कर दिया गया है।