नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) के खिलाफ करीब 200 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स (Vice Chancellors) ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है। सभी ने साझा बयान जारी कर राहुल गांधी के आरोपों की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता को ताक पर रख कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है।
जिसका विरोध जताते हुए अब कई विश्वविद्यालय के कुलपतियों और शिक्षाविदों ने खुला पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
Vice Chancellors and academicians from several parts of the country write an open letter opposing Congress leader Rahul Gandhi’s remarks on the selection process of Vice Chancellors.
The letter reads “The process by which Vice Chancellors are selected is characterised by… pic.twitter.com/6jIQVai9m7
— ANI (@ANI) May 6, 2024
पत्र में लिखा गया है, ‘जिस प्रक्रिया से कुलपतियों का चयन किया जाता है, वह योग्यता, विद्वतापूर्ण विशिष्टता और अखंडता के मूल्यों पर आधारित कठोर, पारदर्शी कठोर प्रक्रिया की विशेषता है। चयन पूरी तरह से शैक्षणिक और प्रशासनिक कौशल पर आधारित है और विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने की दृष्टि से किया गया है।’
राहुल गांधी ने दाखिल किया नामांकन, सोनिया गांधी और प्रियंका भी रही मौजूद
पत्र में आगे लिखा गया है कि देश भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपति और अकादमिक नेताओं के चयन प्रक्रिया के संबंध में हाल ही में दिए गए आधारहीन आरोपों का खंडन किया जाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और कार्यालय को बदनाम किया है। इसलिए यह मांग की जाती है कि कानून के अनुसार उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर
साझा बयान वाले दस्तावेज पर 180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं। दस्तखत करने वालों में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, एनसीआईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एआईसीटीई, यूजीसी आदि के प्रमुख भी शामिल हैं।
क्या कहा था राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) ने?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) ने अपने बयानों में हाल ही में कहा था कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता और अहर्ता को ताक पर रख कर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है। उन्होंने कहा था, आज हिंदुस्तान के वाइस चांसलर मेरिट के आधार पर नहीं बनते हैं। आज सभी वाइस चांसलर एक ही संगठन के हैं। सारी संस्थाओं पर बीजेपी का कब्जा है।
राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) के इस बयान का विरोध करते हुए कई कुलपतियों और शिक्षाविदों ने विश्वविद्यालय प्रमुखों की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बताया है।