नई दिल्ली। प्रदूषण अब मानवता के लिए सबसे बड़ी समस्या बन कर उभर रहा है। भारत में वायु प्रदूषण से हर साल 16.7 लाख लोगों की मौत होती है और अर्थव्यवस्था को करीब 2.6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है। यानी वायु प्रदूषण जीवन और जेब दोनों पर भारी पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ और इंटरनेशनल फोरम फॉर इन्वायरमेंट सस्टेनेबल एंड टेक्नोलॉजी के सीईओ चंद्र भूषण के मुताबिक, दिल्ली में काफी प्रदूषण होता है, खासकर सर्दियों में, लेकिन प्रदूषण पूरे देश की समस्या है।
लखनऊ: प्लाई फैक्ट्री में लगी भीषण आग, इलाके में मचा हड़कंप
घर के भीतर प्रदूषण कम हुआ है। रिपोर्ट कहती है कि 1990 से 2019 के बीच घर के भीतर प्रदूषण 64 प्रतिशत कम हुआ है, लेकिन घर के बाहर का प्रदूषण 115 फीसद बढ़ गया है। वहीं, ज्यादा प्रति व्यक्ति जीडीपी वाले राज्यों को कम नुकसान हुआ है, जैसे पंजाब को 1.52 फीसद और उत्तराखंड को 1.50 फीसद। राज्यों की जीडीपी को होने वाला यह नुकसान 0.67 से 2.15 फीसद के बीच है। वहीं, दिल्ली और हरियाणा में प्रति व्यक्ति आर्थिक नुकसान ज्यादा है। इसलिए बात अब इन सारी जगहों की होनी चाहिए, न कि सिर्फ दिल्ली और शहरों की।
कोरोना के नए स्ट्रेन के मद्देनजर प्रदेश में विशेष सतर्कता बरते : योगी
कुछ राज्यों पर इसका असर ज्यादा हो रहा है। जर्नल लांसेट में प्रकाशित हालिया शोध में यह दावा किया गया है। यह अध्ययन इंडियन स्टेट लेवल डिजीज बर्डन इनिसिएटिव की ओर से किया गया है। मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में भी काफी प्रदूषण रहता है। वहीं, लखनऊ, आगरा, पटना और गंगा के मैदानी इलाकों के ज्यादातर शहर प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां तक कि गांव में भी यह समस्या है। रिपोर्ट के मुताबिक, जीडीपी को नुकसान राज्यों के हिसाब से बदलता रहता है, जैसे कम प्रति व्यक्ति जीडीपी वाले राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में राज्य की जीडीपी को ज्यादा नुकसान हो रहा है।