रायबरेली। उत्तर प्रदेश में रायबरेली की एक पाक्सो अदालत ने नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म करने वाले अपराधी को 20 साल सश्रम कारावास (Imprisonment) और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो प्रथम योगेश चन्द्र मिश्र ने गुरुवार को बताया कि अपर जिला जज व विशेष जज पाक्सो प्रथम आलोक कुमार सिंह ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के अपराधी को बीस वर्ष के सश्रम कारावास व 10 हज़ार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
उन्होंने बताया कि खीरो इलाके में अब से लगभग ढाई वर्ष पहले अपराधी पवन कुमार (25) ने 15 वर्षीय हाई स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग बच्ची के साथ न केवल दुष्कर्म ही किया बल्कि उसका अश्लील वीडियो व ऑडियो भी बना लिया और बाद में अश्लील ऑडियो को वायरल कर दिया।
पीड़िता की माँ पुलिस थाने गयी लेकिन पुलिस ने अपराधी पक्ष से मिलीभगत के कारण कोई ठोस कार्यवाही नही की। उल्टा पीड़िता के पिता के खिलाफ ही बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया जो कि बाद में स्पॉन्ज कर दिया गया। इसके बाद पीड़िता ने अदालत में परिवाद दायर किया।
मिश्र ने बताया कि दुष्कर्म का अपराधी पीड़िता का चचेरा चाचा है उसके साथ पहले भी छेड़छाड़ कर चुका था। अदालत ने सारे साक्षो के आधार पर पवन को दोषसिद्धि करते हुए उसे बीस वर्ष के सश्रम कारावास (Imprisonment) और 10 हज़ार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।