हरिद्वार। नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने और दुष्कर्म (Rape) करने के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपित युवक को दोषी पाया है। एफटीएससी कोर्ट ने युवक को 20 वर्ष की कठोर कैद (Imprisonment) और एक लाख दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि 14 अप्रैल 2020 को पथरी क्षेत्र के गांव में एक नाबालिग लड़की शौच के लिए कहकर गई थी, अगर वापस नहीं लौटी। अगले दिन पीड़ित ने आरोपित युवक की बुआ के घर से फोन कर पूरी घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी।
शिकायतकर्ता पिता ने प्रताप पुत्र मोतीलाल निवासी ग्राम बहादरपुर जट्ट थाना पथरी के खिलाफ अपनी पुत्री को बहला फुसलाकर ले जाने,दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित लड़की ने अपने परिजनों और पुलिस को सारी आपबीती बताई थी।
पीड़ित ने बताया था कि आरोपित युवक उसे जबरदस्ती बहला फुसलाकर बाइक पर बैठाकर अपनी बुआ के घर गदरजुद्दा मंगलौर ले गया था। वहां आरोपित ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाएं। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से नौ गवाह पेश किए।
एफटीएस कोर्ट ने युवक पर एक लाख दो हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।अर्थदंड जमा नहीं कराने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास (Imprisonment) भुगतने के आदेश दिए हैं।