लखनऊ। बच्चों को पानी में डूबने से बचाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में विद्यालय और महाविद्यालय स्तर पर 200 बाल तरणवीर (Bal Taranveers) तैयार किए जाएंगे। पानी में डूबने से होने वाली मौतों में बच्चों की संख्या अधिक होने के चलते राहत विभाग ने मुख्यमंत्री बाल तरणवीर कार्यक्रम लागू करने की पहल शुरू की है।
प्रदेश सरकार की ओर से 2021 में डूबने को राज्य आपदा घोषित किया गया है। पानी में डूबने से हर वर्ष करीब आठ सौ से एक हजार लोगों की मौत होती है। इनमें बच्चों की संख्या 50 फीसदी से अधिक रहती है। कार्यक्रम के तहत स्कूल स्तर पर बच्चों को तैरना सिखाने और डूबते हुए बच्चों को बचाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नेशनल इन्लैंड नेवीगेशन इंस्टीट्यूट की ओर से हर जिले में 20 मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। मास्टर ट्रेनर हर जिले में 200 बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे।
सरयू नदी में डूबकर युवक की मौत
उधर, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के साथ महाविद्यालयों में आपदा सुरक्षा के तरीकों के साथ उनके नियमों और नीतियों की जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री आपदा सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाले सम्मेलन में शिक्षकों को आपदा प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी।