रामपुर (मुजाहिद खां)। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत दोपहर बाद रामपुर पहुँचे। भाकियू कार्यालय पहुँचकर जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के साथ मौजूद अन्य पदाधिकारियों और किसानों से मुलाक़ात की और हालचाल जाना।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों का दौरा कर रामपुर पहुँचे भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भाकियू जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के साथ कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत किया।
वहीं मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि रामपुर भी किसान भाइयों का अता-पता लेने आए हैं यहां पर क्या हालात है बारिश हो नहीं रही है, डीजल के लिए एक दिन आंदोलन कर दिया तो कह रही है महंगाई पर आपका क्या मतलब है। हम अब डीजल खरीद रहे हैं और देख रहे हैं कि सरकार सब्सिडी दे रही है क्या? लेकिन सरकार दे नहीं रही है किसान का अपनी जेब से ही पैसा जा रहा है, गैस सिलेंडर पर जा रहा है यह सारे मामले हैं।
नहरों में पानी नहीं है सरकार किसानों को बर्बाद करने का षड्यंत्र रचने में लगी है। सरकार का मिशन है किसानों को किसी तरह भूमिहीन कर दिया जाए। गन्ने का भुगतान हो नहीं रहा। उत्तराखंड भी गए वहां की शुगर फैक्ट्रियां बंद थीं। जबकि वहां के मुख्यमंत्री भी सितारगंज के हैं। क्योंकि यह जो पूरी तराई वाली बेल्ट है इसको भी बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है। गन्ने की बेल्ट है, धान की है, आलू की है हालात यह है कि देश के किसान को नुकसान है।
सरकार जो कानून लेकर आई है उसे और ज्यादा नुकसान होगा कानून वापसी ले किसानों से बैठकर बातचीत करे नहीं तो यह आंदोलन जारी रहेगा और किसानों में गर्माहट है। आंदोलन को मज़बूत बनाने के लिए बड़ी से लेकर छोटी पंचायतों में भी जाएंगे उनकी समस्याएं सुनेंगे। धरना काफी दिनों आठ महीने से चल रहा है लेकिन सरकार सुन नहीं रही और इसलिए नहीं सुन रही कि हम धरने पर शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं क्रांतिपूर्ण तरीके से धरना दे दे तो सुन लेगी सरकार।वह हम कर नहीं सकते क्योंकि हम तो शांति के पुजारी हैं। टिकैत साहब ने हमेशा धरनो में शांति में विश्वास रखा।
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इसलिए सरकार सुन नहीं रही। कहा कि 05 सितम्बर तक सरकार फैसला नहीं लेती है तो बंगाल की तरह यूपी में होने वाले चुनाव में खेला होगा किसानों से अपने ट्रैक्टर तैयार रखने के लिए कहा गया है। 22 जुलाई से 200 लोग जाएंगे बाकी बाद की बात है जाना होगा लेकिन लाल किले पर किसान नहीं जाएगा किसान वहीं पार्लियामेंट जाएगा। 22 जुलाई से हर रोज़ 200 किसान प्रतिनिधि,किसान जाएंगे जब तक पार्लियामेंट चलेगी। तीनों कृषि क़ानून वापस कराने के लिए किसान हर कुर्बानी देने को तैयार है।
इस मौक़े पर चौधरी अजीत सिंह, हरपाल सिंह, मनजीत सिंह अटवाल, सुंदर सिंह, जागीर सिंह, मोहम्मद मुस्तकीम, अंकित चौधरी, गुड्डू, छिद्दा नेता, होरीलाल, दरियाब सिंह, विनोद यादव, मोहम्मद कासिम, वीरेंद्र सिंह, सलीम, अरशद, अजय बाबू गंगवार, वीरेंद्र सिंह गंगवार आदि मौजूद रहे।