नई दिल्ली| अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के एलीट पैनल के पूर्व अंपायर डेरिल हार्पर ने 1999 के एडिलेड टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर के खिलाफ दिए अपने विवादास्पद फैसले का बचाव करते हुए कहा वह एक सही निर्णय था। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा की बाउंसर को छोड़ते समय गेंद तेंदुलकर के कंधे से टकराई थी, जिस पर मैदानी अंपायर हार्पर ने एलबीडब्ल्यू आउट दे दिया था। यह ऐसा फैसला था, जिसकी कई दिनों तक चर्चा हुई। भारतीय फैन्स ने इस फैसले के लिए हार्पर की जमकर आलोचना की थी।
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उस विवादास्पद फैसले को याद करते हुए डेरिल हार्पर ने कहा कि वह 20 साल बाद भी उस फैसले के बारे में सोचते है और मानते हैं कि वह सही निर्णय था। हार्पर ने एशियानेट केबल से कहा, ”सचिन तेंदुलकर के खिलाफ दिए गए उस फैसले के बारे में मैं हर दिन सोचता हूं। मैं ठीक से सो नहीं पाता हूं। मेरे सपने में वह वाकया बार-बार रीप्ले की तरह आता है। जब मैं अपने गैरेज में जाता हूं तो लगता है जैसे वहां सचिन और ग्लेन मैकग्रा की एक बड़ी तस्वीर लगी है।”
उन्होंने कहा, ”हो सकता है कि आप इस बात को जानकर दुखी हों कि मुझे अभी भी उस फैसले पर गर्व है। क्योंकि मैंने वो चीज देखी, बिना किसी डर के नियम लागू किए। सचिन उस वक्त टीम के कप्तान थे। आईसीसी अधिकारी ने मुझसे कहा था कि मैच का विश्लेषण करते हुए मेरे उस फैसले को नोट नहीं किया गया था।” हार्पर ने कहा कि दुनिया की 1/6 आबादी को मेरा नाम पता चल गया था, जब मैंने सचिन को उस मैच में आउट दिया।
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भारतीय टीम इस मैच को बुरी तरह से हार गई थी, जिसकी वजह सेऑस्ट्रेलिया ने सीरीज को 3-0 से अपने नाम किया था। हार्पर ने खुलासा किया कि पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने उन्हें 2018 में बताया कि तेंदुलकर खुद मानते हैं कि वह आउट थे। प्रसाद इस मैच में विकेटकीपर थे।
उन्होंने कहा, ”मैं दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया-भारत टेस्ट मैच के दौरान एडिलेड ओवल में भारतीय चयनकर्ता एमएसके प्रसाद से मिला था। 1999 के टेस्ट के बाद यह हमारी पहली मुलाकात थी।” उन्होंने कहा, ” एमएसके ने उत्सुकता से मुझ से कहा कि सचिन ने कहा था कि वह आउट थे।” उन्होंने कहा कि तेंदुलकर ने कभी उनसे इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की, शायद इसलिए वह उन्हें खेल का सच्चा दूत मानते हैं।