उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के सम्प्रेक्षण गृह में 22 बाल बंदियों के कोरोना संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार, बाल गृह के अधीक्षक की पिछले दिनों मौत हो गई थी और उनमें भी कोरोना के लक्षण मिले थे। वहीं, अब 22 बाल बंदियों के कोरोना संक्रमित मिलने पर उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राप्त समाचार के मुताबिक, 7 मई को बाल संप्रेक्षण गृह में बंदियों की आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया था। आरटीपीसीआर टेस्ट में एक भी बंदी और स्टाफ कोरोना संक्रमित नहीं निकला था। बताया गया कि शुक्रवार को बंदियों की तबियत अचानक खराब हो गई। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम एक बार फिर संप्रेक्षण गृह पहुंची और सभी 75 बाल बंदियों की कोरोना जांच की।
बृजेश पाठक ने गरीबों को मुफ्त भोजन के लिए शुरू किया अटल भोजनालय
जांच में 75 में से 22 बाल कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले। आनन-फानन में कोरोना पॉजिटिव बाल बंदियों को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया। बताया गया है कि बाल बंदी गृह में कोरोना पॉजिटिव बच्चों की उम्र 18 साल से कम है। वहीं, संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक सात मई को हुए टेस्ट में संक्रमित नहीं पाए गए, लेकिन वह पर अपने घर चले गए थे। जहां जांच के दौरान उनमें कोविड के लक्षण मिले थे और वहां उनकी मौत हो गई थी।
बंदियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें वीवीआईटी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया दिया गया है जहां पर उनका इलाज चल रहा है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बाल संप्रेक्षण गृह में जांच में 22 बाल बंदियों की रिपोर्ट पॉजिटिव सभी का इलाज जारी है। समिति शेष बाल बंदियों पर पूरी नजर बनाए हुए हैं।