लखनऊ। विपक्ष की ओर से विधानसभा में कोरोना से मौतों को लेकर सोमवार को सवाल किया गया। इस सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने कहा कि यूपी सरकार के आंकड़े के अनुसार कोरोना संक्रमण (Corona Virus) से यूपी में 23,512 लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने विधानसभा सत्र में विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि यूपी के कोरोना प्रबंधन का लोहा दुनिया ने माना है। कोविड प्रबधंन में यूपी अव्वल है।
स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने बताया कि हमारे आंकड़े पर जो आंकड़े दर्ज है उसके मुताबिक, 23 हजार 512 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि कोविड मैनेजमेंट के लिये हमारी सरकार ने एक पोर्टल बनाया था उस पोर्टल पर जैसे ही किसी व्यक्ति के कोरोना महामारी की सूचना मिलती थी हम उसको दर्ज कर पहले उसकी कोरोना की जांच कराते थे निगेटिव या पॉजिटिव आने के बाद ही हम निकल सकते थे। इस तरह सारे आंकड़े हमारे पोर्टल पर दर्ज होते थे।
योगी सरकार (Yogi Government) की ओर से यूपी में तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। यूपी में अब तक 32 करोड़ से अधिक को टीके की डोज दी जा चुकी है। जिसमें 17 करोड़ को पहली डोज और 14 करोड़ को दूसरी डोज दी जा चुकी है।
21 दिनों के भीतर लौटकर आए लोगों की होगी स्क्रीनिंग
उत्तर प्रदेश में मंकी पाक्स (Monkey Pox) से प्रभावित देशों से बीते 21 दिनों के भीतर लौटकर आए लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर वह दूसरे देश में मंकी पाक्स से संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आए हैं और उनमें इस रोग के लक्षण हैं तो उन्हें तत्काल आइसोलेट कर दिया जाएगा। ऐसे लोगों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) पुणे भेजे जाएंगे। संचारी रोग विभाग की ओर से विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी गई है। सभी एयरपोर्ट पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। निगरानी कमेटियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
मंगलवार को प्रत्येक डिस्काम स्तर पर होगी जनसुनवाई : ऊर्जा मंत्री
मंकी पॉक्स एक वायरल जूनेटिक बीमारी-डॉ वेद व्रत
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ वेद व्रत सिंह ने बताया कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा व यूनाइटेड किंगडम आदि देशों में मंकी पाक्स का संक्रमण फैला है। मंकी पाक्स एक वायरल जूनेटिक बीमारी है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। मंकी पाक्स जानवरों से मानव में अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस कटी-फटी त्वचा, सांस नली या म्यूकोसा (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है