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सतपुड़ा भवन में आग के कारण 24 करोड़ का नुकसान, आग का कारण शार्ट सर्किट

Satpura Building

Satpura Building

भोपाल। भोपाल में स्थित प्रमुख बहुमंजिला सरकारी इमारत सतपुड़ा भवन (Satpura Building) में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट ही प्रतीत होता है और इस वजह से लगभग 24 करोड़ रुपयों के नुकसान की आशंका व्यक्त की गयी है। इस मामले की जांच रिपोर्ट में किसी व्यक्ति या शरारती तत्व द्वारा आग लगाने की आशंका को खारिज किया गया है।

आग लगने की घटना के बाद इस मामले की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने आज अपना प्रतिवेदन सरकार को सौंप दिया। लगभग 287 पन्नों की जांच रिपोर्ट तैयार की गयी है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं राज्य सरकार की ओर से गठित जांच समिति के प्रमुख डॉ राजेश राजौरा ने बताया कि जांच समिति ने 12 जून को सतपुड़ा भवन (Satpura Building) में आग लगने की घटना की जांच के दौरान तीन स्थल निरीक्षण किए। बत्तीस लोगों के बयान दर्ज किए और सागर में स्थित राज्य स्तरीय फोरेंसिक साइंस लेब की जांच रिपोर्ट के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। जांच रिपोर्ट में चीफ इलेक्ट्रिसिटी इंस्पेक्टर और उनके जांच दल की तकनीकी रिपोर्ट, नुकसान के आकलन के लिए बनी लोक निर्माण विभाग की दो उप समितियों के प्रतिवेदन को भी शामिल किया गया है।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सतपुड़ा भवन (Satpura Building) के पश्चिमी विंग में 12 जून को तीसरी मंजिल स्थित टीएडीपी के सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह के कक्ष में शार्ट सर्किट के कारण आग लगना प्रारंभ हुयी। जांच समिति का निष्कर्ष है कि जानबूझकर अथवा शरारत के रूप में इस घटना को घटित करने में किसी भी व्यक्ति की संदिग्ध भूमिका परिलक्षित नहीं होती है। आग के कारण तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल पर 2542 वर्ग मीटर क्षेत्र पूर्ण रूप से और 1671 वर्ग मीटर क्षेत्र आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। इन चारों मंजिल का कुल क्षेत्रफल 4213 वर्ग मीटर के आसपास है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह के कार्यालय कक्ष में 12 जून को दिन में चार बजे के आसपास शार्ट सर्किट के कारण आग लगना प्रारंभ हुआ। इसमें विशेषज्ञों के मत के हवाले से कहा गया है कि सिस्टम में अर्थ फॉल्ट या अर्थ लीकेज के प्रोटेक्शन के लिए कहीं भी व्यवस्था नहीं की गयी। यह प्रतीत होता है कि एसी के टॉप बॉटम पावर प्लग में लूज कनेक्शन रहा हो, जिससे चिंगारी निकली और सोफे के भाग में आग और धुंआ का कारण बना। रिपोर्ट में फोरेंसिक जांच के हवाले से बताया गया है कि वहां मौजूद वस्तुओं में ज्वलनशील पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन जैसे पेट्रोल, डीजल और कैरोसीन के अवशेष अनुपस्थित थे।

छहमंजिला सतपुड़ा भवन में 12 जून को अपरान्ह लगभग चार बजे तीसरी मंजिल के एक कार्यालय में आग लगी थी। इसके बाद यह आग फैलती गयी और रात भर काबू नहीं पाया जा सका। इसके बाद आग छठवीं मंजिल तक पहुंच गयी थी और इसमें रखे हजारों दस्तावेज, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक और अन्य सामान भी पूरी तरह जल गया। आग पर दूसरे दिन सुबह लगभग 17 घंटे बाद काबू पाया जा सका था। सतपुड़ा भवन यहां अति सुरक्षित माने जाने वाले राज्य सचिवालय वल्लभ भवन के पास ही स्थित है। सतपुड़ा भवन में अनेक विभागों के प्रमुख कार्यालय स्थित हैं। मजे की बात है कि इस भवन से कुछ ही मीटर की दूरी पर राज्य अग्निशमन विभाग का मुख्यालय भी स्थित है। इस मामले को लेकर राज्य का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी हमलावर रहा है।

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