लखनऊ| प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रवक्ता के 2400 पद रिक्त पड़े हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के मानकों के अनुसार नई सेवा नियमावली बन जाने के बाद इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। प्रदेश में इस समय 150 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान हैं। इनमें तीन मई 2018 से नई नियुक्तियां रुकी हुई हैं। इससे पूर्व विज्ञापित पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को ही पिछले दिनों कार्यभार ग्रहण कराया गया।
रिक्त पदों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि हर साल शिक्षक रिटायर हो रहे हैं लेकिन उनकी जगह नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। प्रवक्ता के पद खाली होने से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। ज्यादातर संस्थानों में रिटायर शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद रिक्त पदों का ब्योरा नए सिरे से जुटाया जा रहा है।
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राजकीय पॉलीटेक्निक में प्रवक्ता के पदों पर चयन उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग से होता है। पदों का अधियाचन प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के माध्यम से आयोग को भेजा जाता है। एआईसीटीई के विनियम 2010 के अनुसार नई सेवा नियमावली बनने के बाद पदों के लिए तय अर्हता और वेतनमान में भी बदलाव होगा।
तीन मई 2018 को जारी शासनादेश में एआईसीटीई के विनियम 2010 को स्वीकार कर लिया गया था। इसके तहत पॉलीटेक्निक संस्थाओं में त्रि-स्तरीय स्टाफ स्ट्रक्चर लागू होना है। नई सेवा नियमावली बनाने की प्रक्रिया तभी से चल रही है। विगत मार्च माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग की समीक्षा करते हुए नई सेवा नियमावली जल्द बनाने का निर्देश दिया था।