लखनऊ| उत्तर प्रदेश में पीआरडी के 25 हजार सक्रिय जवानों को अब साल भर काम मिलेगा। होमगार्ड यानी पीआरडी 11 हजार जवानों को थानों पर शांति- सुरक्षा व शहरों की ट्रैफिक की बागडोर संभालने में लगाया जा रहा है। करीब 14 हजार जवानों को विभागीय व गैर विभागीय ड्यूटी में तैनात किया गया है।
पीआरडी के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी तादाद में जवानों को साल भर का काम मिलेगा। थानों में छह और ट्रैफिक में लगेंगे 25 से 50 जवान पीआरडी जवानों को पहली बार थानों और ट्रैफिक में पूरे वर्ष ड्यूटी मिलेगी। ड्यूटी भत्ता (प्रति दिन 375 रुपए) विभाग की ओर से दिया जाएगा।
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थानों में छह से सात जवान, छोटे जिले में 25 और बड़े जिलों (लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, नोएडा, मेरठ, बरेली, मुजफ्फरनगर आदि) में 50 जवानों को ट्रैफिक संभालने में लगाया गया है। जिलों के प्रमुख थानों में में छह या सात जवानों की तैनाती हो रही है। अन्य विभागों में करीब 14 हजार जवानों को काम मिल रहा है। पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) जवानों को हमेशा ही काम का अभाव रहता था।
उपनिदेशक सीपी सिंह ने बताया कि अभी तक सक्रिय जवानों को औसतन वर्ष में 50 से 60 दिनों की ड्यूटी ही नसीब होती थी। इसी कारण 19 हजार पीआरडी जवान निष्क्रिय पड़े हुए हैं। इसे देखते हुए युवा कल्याण व पीआरडी विभाग की अपर मुख्य सचिव व महानिदेशक डिम्पल वर्मा ने जवानों को अधिक से अधिक काम दिलाने की कार्ययोजना तैयार की। उप निदेशक अजातशत्रु शाही बताते हैं कि सरकार ने भी जवानों के लिए पहली बार 150 करोड़ रुपए का बजट मिला है।