झारखंड के गिरिडीह से अजीब ओ गरीब केस सामने आया है जहां तेरह माह की बच्ची के पेट में भ्रूण मिला। हैरान परेशान परिजन बच्ची को लेकर रांची के निजी अस्पताल पहुंचे।
डॉक्टरों ने सोनोग्राफी, सीटी स्कैन और एमआरआई से भ्रूण के बारे में पता लगाया। इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके भ्रूण को निकाल दिया। बच्ची के पेट में एक किलो 250 ग्राम का भ्रूण था। शिशु रोग विभाग की टीम ने जांच के बाद नवजात का सफल ऑपरेशन कर भ्रूण निकाला।
डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के पेट में भ्रूण समय बीतने के साथ बड़ा हो रहा था। बच्ची जब दो माह की थी, तभी से पेट फूलने की समस्या आ रही थी।
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डाक्टरों ने बताया कि मां के गर्भ में जुड़वां बच्चे पैदा होने की स्थिति में एक भ्रूण विकसित नहीं होता और दूसरे के शरीर में चिपक जाता है। दुनियाभर में अब तक करीब 200 ऐसे मामले मिल चुके हैं। ऐसा एक मामला 50 लाख लोगों में मिलने का माना जाता है। भारत के कुछ राज्यों में ऐसे 5-6 मामले मिले हैं। मेडिकल भाषा में इसे फिट्स इन फिटु यानी भ्रूण के अंदर एक और भ्रूण कहते हैं।
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यह बच्ची गिरिडीह की है, जिसे लेकर उसके माता-पिता टाटीसिलवे स्थित निजी अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने दर्द से कराहती बच्ची का अल्ट्रासाउंड किया तो उन्हें कुछ विशेष गड़बड़ी लगी। इसके बाद सोनोग्राफी, सीटी स्कैन और एमआरआई रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बच्ची के पेट में भ्रूण है। डॉ. आलोक चंद्र प्रकाश की टीम ने सर्जरी कर बच्ची के पेट से भ्रूण को बाहर निकाला। बच्ची अब बिल्कुल स्वस्थ है. उसे अस्पताल से छुट्टी दे गई है।