गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में और 250 नर्सिंग स्टाफ नौकरी नहीं करना चाहती हैं। सभी ने गृह जनपद जाने के लिए एम्स प्रशासन से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मांग रहे हैं।
दरअसल एम्स (AIIMS) में दो चरणों में नर्सों की भर्ती हुई। पहले चरण में 76 नर्स स्थायी तौर पर तैनात हुईं। जबकि दूसरे चरण में 280 नर्सों का चयन हुआ। यह चयन एम्स दिल्ली ने किया। इसके लिए एम्स दिल्ली ने देश के सभी एम्स में सृजित नर्सों के पद और मांग के सापेक्ष आवेदन निकाला।
इसके बाद विशेष परीक्षा कराई, जिसमें नर्सें से चयनित र्हुइं। एम्स ज्वाइन करने के बाद इन नर्सों का मन बदलता जा रहा है। उनका मन एम्स (AIIMS) में काम करने में नहीं लग रहा है। अब तक 16 नर्स इस्तीफा देकर दूसरे संस्थान ज्वाइन कर चुकी हैं।
इसके अलावा ढाई सौ से अधिक नर्सों ने गृह जनपद में जाने के लिए एनओसी की मांग की है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा एम्स प्रशासन को पत्र दे रखा है। बताया जा रहा है कि करीब दो दर्जन नर्सिंग ऑफिसर ने तो इस्तीफा तक देने की नोटिस दे रखी है।
नर्सों के इस तरह के आवेदन में गुटबाजी भी मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि एम्स के वरिष्ठ अधिकारी और डॉक्टरों के बीच विवाद चल रहा है। इससे एम्स में दो फाड़ हो गए हैं। मरीजों के भर्ती होने में भी दिक्कत आ रही है। इमरजेंसी में इक्का-दुक्का मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। जबकि हाल ही में इमरजेंसी का उद्घाटन एम्स के निदेशक ने किया।
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एम्स मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि यह सही है कि एम्स में तैनात 250 नर्सिंग स्टाफ ने एनओसी के लिए आवेदन किया है। वह अपने गृह जनपद के पास के एम्स में तैनाती चाहते हैं। अब तक 16 नर्सिंग ऑफिसर ने इस्तीफा दे दिया है। इलाज में किसी तरह की दिक्कत नहीं है।