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UNSC में 26/11 मुंबई हमले की पीड़ित नर्स अंजलि ने सुनाई आपबीती

Anjali

26/11 victim nurse Anjali

न्यूयॉक। मुंबई के 26/11 हमले की पीड़ित नर्स अंजलि विजय कुलठे (Nurse Anjali) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को आपबीती सुनाई। आतंकवाद का मुकाबला करने पर अपने संबोधन में अंजलि ने कहा कि जब वे भारत की जेल में बंद पाकिस्तान के आतंकवादी अजमल कसाब से मिलीं तो उसे अपनी करनी पर जरा भी अफसोस नहीं था। अंजलि की दुख भरी दास्तां सुनाकर कई देशों के अधिकारी और नेता भावुक हो गए।

जब अस्पताल में घुसे आतंकी

अंजलि विजय कुलथे (Anjali) ने बताया कि जिस दिन मुंबई में ये आंतकी हमला हुआ था, उनकी रात की ड्यूटी लगी हुई थी। उनकी आठ बजे के करीब ड्यूटी शुरू हुई थी और उन्हें एक घंटे बाद बताया गया कि CSD स्टेशन पर फायरिंग हो रही है। वो फायरिंग ही चेतवानी ये बताने के लिए कि कामा एंड अल्बलेस अस्पताल में कुछ भयंकर होने वाला है। तब अधिकारियों ने अंजलि को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अस्पताल द्वारा आपातकाल वाली तैयारी कर ली जाए। उस चेतावनी के डेढ़ घंटे बाद उस खतरे ने अस्पताल में दस्तक दे दी जिसका डर अंजलि को सता रहा था। उस बारे में अंजलि ने बताया कि करीब साढ़े दस बजे मुझे गोलियों की आवाज सुनाई दी। मैंने जब खिड़की से बाहर देखा, तो आतंकी अस्पताल में घुसने की कोशिश कर रहे थे। वो दीवार फांद अंदर आना चाहते थे। आतंकियों ने हमारी तरफ दो बार फायर भी किया। एक गोली से तो अस्पताल की लाइट चली गई, लेकिन दूसरी गोली हमारी सहायक के हाथ में लगी। मैंने तुरंत ही अपनी साथी को कैजुएलटी में शिफ्ट किया। उसका बहुत खून निकल चुका था। उसे वहां छोड़ने के बाद मुझे अपने वॉर्ड में जाना था।

महिला को लेबर पेन,  गोलियों की तड़तड़ाहट

अब आतंकी अस्पताल में घुस चुके थे। अंजलि ने अपने सीनियर अधिकारियों को इस बात की जानकारी दे दी थी। लेकिन किसी से मदद मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। अंजलि को खुद हिम्मत भी दिखानी थी और उन गर्भवती महिलाओं की जान भी बचानी थी। स्थिति को समझते हुए अंजलि तुरंत अपने वॉर्ड की तरफ भागी थीं। उस पल को याद करते हुए उन्होंने बताया कि मैं जब अपने वॉर्ड की तरफ भाग रही थी, मैंने देखा मेन गेट पर जो गार्ड थे, उन्हें आतंकियों ने गोली मार दी थी। वो देख मैं बहुत डर गई और सीधे अपने वॉर्ड की तरफ गई। मैंने मेन गेट बंद कर दिया और सभी 20 गर्भवती महिलाओं को अपने वॉर्ड में शिफ्ट किया। वहां पर एक पैंट्री भी थी, उन सभी महिलाओं को वहां छिपा दिया। वो सुरक्षित जगह थी। मैंने लाइट भी बंद कर दी जिससे आतंकियों को इनके यहां होने की भनक ना लगे। लेकिन मेरी एक मरीज जो हाइपर टेंशन की शिकार थीं, उन्हें लेबर पेन शुरू हो गया। ये गंभीर स्थिति थी, दोनों बच्चे और मां की जान को खतरा था। मैंने तुरंत डॉक्टर को फोन किया, लेकिन क्योंकि अस्पताल में उस समय भी गोलियां चल रही थी, ग्रेनेड फेंके जा रहे थे, उन्होंने आने से मना कर दिया। फिर मैंने ही मरीज को हिम्मत रखने के लिए कहा और उन्हें लेबर रूम में शिफ्ट किया।

कसाब से वो आखिरी मुलाकात

पूरी दुनिया को अंजलि ने बताया कि उस पूरी रात वे अपने मरीजों के साथ वॉर्ड में ही छिपी रहीं। फिर अगले दिन सुबह साढ़े सात बजे जब पुलिस अस्पताल में आई, तब मेन गेट खोला गया और सभी का रेस्क्यू हुआ। अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने अंजलि ने कसाब के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया। उन्होंने सभी देशों के सामने जोर देकर कहा कि कसाब को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं था। उसकी आंखों में कोई खौफ या शर्म नहीं थी।

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संयुक्त अरब अमीरात की मंत्री ने की पीड़ित नर्स अंजलि (Anjali) की प्रशंसा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मौजूद संयुक्त अरब अमीरात की मंत्री ने 26/11 के आतंकवादी हमले की पीड़ित नर्स अंजलि विजय कुलथे की प्रशंसा कर उन्हें बहादुर कहा और उनकी कहानी को भावुक कर देने वाला बताया। अंजलि ने कहा कि सुरक्षा परिषद में वैश्विक नेता अपने संयुक्त प्रयासों से आतंकवाद के खतरे को समाप्त कर सकते हैं।

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