उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के चर्चित मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबिहारी ‘मृतक’ ने बुधवार को अपना 27वां पुर्नजन्मदिवस मनाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वे अपने पुनर्जन्म के 28वें वर्ष में पूरे रीति रिवाज के साथ करमी देवी के साथ शादी के बंधन में बंधेंगे।
दरअसल, लालबिहारी की पूरी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं हैं। उन्हें 1976 में सरकारी विभाग के अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया था। 18 साल की लंबी लड़ाई के बाद उन्हें एक बार फिर जिंदा किया गया, तभी से वे अपना पुनर्जन्म दिवस मनाते आ रहे हैं।
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30 जून 1994 को सरकारी अभिलेखों में जिंदा होने के बाद बुधवार को नगर के तमसा प्रेस क्लब सभागार में मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबिहारी ने मृतक ने 27वें पुर्नजन्मदिवस पर केक काटा और मुंह मीठा किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग के भू-राजस्व अभिलेखों में सन् 1976 को उन्हे मृत घोषित कर दिया गया। काफी लम्बी लड़ाई के बाद 30 जून 1994 में अभिलेखों में उन्हें पुनः जिन्दा किया गया। इस दौरान वे सरकारी दफ्तरों, कोर्ट से लेकर श्मशान घाट तक दौड़ लगाते रहे। 18 साल की लंबी लड़ाई के बाद उनका पुनर्जन्म हुआ।
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अपने 27वें पुर्नजन्मदिवस पर उन्होंने कहा कि वह वर्ष 2022 में 28 वर्ष की उम्र में वे नगर के हीरापट्टी गांव निवासी करमी देवी के साथ विवाह के बंधन में बंधेंगे। लालबिहारी मृतक ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ लखनऊ में 25 करोड़ रुपये के मानहानि मुक़दमे का निपटारा होने के बाद विवाह कर राष्ट्र व विश्व को संदेश देकर व्यवस्था को जगाने का काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मृतक संघ अपना एक ट्रस्ट बनाकर जनता की सेवा कार्य करेगा।