नयी दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवार कर (GST) लगाये जाने के निर्णय में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह निर्णय एक अक्टूबर से प्रभावी हो सकता है क्योंकि सरकार इससे संबंधित संशोधन को मानसून सत्र में ही संसद से पारित करा सकती है।
GST परिषद की आज हुयी 51वीं बैठक के बाद परिषद की अध्यक्ष एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी और कहा कि इससे संबंधित संशोधन को केन्द्रीय जीएसटी कानून में सम्माहित किया जायेगा और इसे मानसून सत्र में ही पारित कराने की कोशिश की जायेगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय GST कानून में संशोधन के बाद राज्यों को अपने यहां भी इस कानून को राज्य जीएसटी कानून में संशोधन करना होगा और इससे संबंधित विधेयक को पारित होने के बाद ही लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके प्रभावी होने पर छह महीने तक इसकी समीक्षा की जायेगी और उसके बाद यदि जरूरत हुआ तो इसमें संशोधन किया जा सकता है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि दिल्ली की वित्त मंत्री अतिशी ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत GST लगाये जाने का विरोध किया और इसको फिर से मंत्रियों के समूह को भेजने की मांग की। इसको छोड़कर सभी राज्यों ने इसका समर्थन किया और इसको मंजूरी दी गयी। यह निर्णय सर्वसम्मति से नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र ने इसको यथाशीघ्र लागू करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर रोक का उल्लेख करते हुये इसको ध्यान रखने की अपील की जिसको केन्द्रीय जीएसटी कानून में संशोधन के समय ध्यान में रखा जायेगा।
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उन्होंने कहा कि गोवा और सिक्किम ने कसीनो पर 28 प्रतिशत GST लगाये जाने का विरोध किया और कहा कि यह फेस वैल्यू पर नहीं बल्कि जीजीआर पर लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी कसीनो पर 18 प्रतिशत कर है और यह जीजीआर पर है। इससे वास्तव में मात्र आठ प्रतिशत ही कर मिल रहा है।
जीजीआर पर 28 प्रतिशत GST लगाये जाने से भी अधिकतम 12 प्रतिशत ही कर मिल पायेगा। इसको ध्यान में रखते हुये इस पर फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि परिषद की 50वीं बैठक में लिये गये निर्णय को लेकर केन्द्रीय जीएसटी कानून में संशोधन की भाषा को स्पष्ट करने के उद्देश्य से यह बैठक बुलायी गयी थी।