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रेमडेसिविर की तस्करी करते 3 गिरफ्तार, 10,500 रुपये में बेच रहे थे

black marketing of Remdesivir

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देश में बीते चौबीस घंटे में कोरोना के 2.60 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और 1400 से अधिक मौतें हुई हैं। भयावह होती स्थिति में प्लाज्मा से लेकर ऑक्सीजन, बेड, रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी चल रही है।

रेमडेसिविर की कालाबाजारी भी इस समय अपने चरम पर है, ऐसे ही तीन आरोपियों को बंगलुरु में दबोच लिया गया है जो रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक कर रहे थे और एक-एक इंजेक्शन 10,500 रुपये की कीमत पर बेच रहे थे। ये लोग रेमडेसिवर का स्टॉक करके लोगों से दस-दस हजार रुपये से अधिक पैसे वसूल रहे थे।

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पूरे देश में रेमडेसिविर का स्टॉक करने वाले गैंग सक्रिय हो गए हैं। हाल ही में गुजरात के सूरत में भी 899 रुपये का रेमडेसिविर इंजेक्शन 12 हजार रुपये में बेचने वाले गैंग का भंडाफोड़ हुआ था।

सूरत पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं और महामारी के इस दौर में लोगों से औने-पौने कीमत वसूल रहे हैं. इस सूचना के बाद सूरत पुलिस ग्राहक बनकर इस गैंग के पास पहुंची और अरेस्ट कर लिया।

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देश के हर कोने से इस तरह की सूचनाएं आ रही हैं. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों को पुलिस ने दबोच लिया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन को कोविड मरीजों के लिए जीवनरक्षक कहा जा रहा है। ये दवाई फेफड़े के इन्फेक्स्शन से आदमी को बचाती है और कोविड संक्रमितों के फेफड़ों को ही सबसे अधिक खतरा उठाना पड़ रहा है। इसलिए इस जीवन रक्षक दवाई की मांग बहुत अधिक हो गई है।

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