पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से शादी का एक कार्ड जबर्दस्त तरीके से वायरल हो रहा है। इसके पीछे कारण है कार्ड में छपे सैंकड़ों नाम।
इस कार्ड में 20-30 नहीं बल्कि बारीक अक्षरों में पूरे 301 नाम छपे हैं। इसी के चलते यह कार्ड सोशल मीडिया में छाया हुआ है और तेजी से वायरल हो रहा है।
कार्ड को देखने के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया. प्रशासन ने यह कार्ड छपवाने वाले सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक मोहनलाल विश्नोई को एक के बाद एक तीन नोटिस जारी कर दिए। यह शादी कल यानी बुधवार को आयोजित हुई थी। इस दौरान पुलिस और प्रशासन वहां पहुंच गया। शादी समारोह 50 से अधिक व्यक्ति पाए जाने पर वहां से कई लोगों को हटा दिया। बाद में शादी के आयोजनकर्ता से 25 हजार रुपए का जुर्माना भी वसूला गया।
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दरअसल राजस्थान विशेषकर मारवाड़ के ग्रामीण क्षेत्र में विवाह के निमंत्रण पत्र पर बड़ी संख्या में रिश्तेदारों सहित कई लोगों के नाम छपवाने की परंपरा रही है। यहां पर लोग बड़ी संख्या में अपने रिश्तेदार व नजदीकी जान-पहचान वाले लोगों के नाम शादी के कार्ड में छपवाते हैं। कार्ड में जितने अधिक रसूखदार लोगों के नाम छापे जाते हैं वह उतना ही अधिक रसूख वाला निमंत्रक माना जाता है।
फलौदी इलाके के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरजी गोदारों की ढाणी पडियाल के प्रधानाध्यापक मोहनलाल विश्नोई के बेटे व बेटी का मुकलावा (गौना) का समारोह बुधवार को हुआ था। इस दौरान प्रीतिभोज का आयोजन भी किया गया था। आयोजन के लिये कार्ड भी छपवाये गये थे। लेकिन कार्ड पर छपवाये गये 301 नामों के कारण यह निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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कोरोना काल में संक्रमण को रोकने के लिये प्रदेश में लगाये गये मिनी लॉकडाउन और शादी समारोह में केवल 50 मेहमानों की स्वीकृति होने को देखते हुये एसडीएम यशपाल आहुजा ने कार्ड छपवाने वाले व्यक्ति को 17 सीसीए के तहत आरोप पत्र जारी कर दिया। आरोप पत्र में कहा गया कि प्रीतिभोज एवं विवाह आशीर्वाद समारोह के लिए छपवाए गए आमंत्रण पत्र में करीब तीन सौ स्वागतकर्ताओं के नाम हैं। कोविड गाइड लाइन के मुताबिक विवाह समारोह में 50 से अधिक व्यक्तियों को आमंत्रित नहीं किया जा सकता। वहीं विवाह के लिये ना तो एसडीएम को सूचना दी है और ना ही स्वीकृति के लिए आवेदन किया गया है।
उसके बाद बुधवार को फलौदी पंचायत समिति के बीडीओ ने मोटाई में आयोजित इस विवाह समारोह का निरीक्षण किया। वहां 50 से अधिक व्यक्ति पाए जाने पर विवाह आयोजक से 25 हजार रुपये का जुर्माना वसूल गया। वहीं प्रधानाध्यापक विश्नोई ने आरोप लगाया कि यह सब राजनीति है।
पहले नोटिस और बाद में जुर्माना लगाने के बाद मोहनलाल ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। मारवाड़ में कार्ड पर अधिक से अधिक लोगों के नाम लिखवाने की परंपरा रही है। यदि ये सभी लोग शादी स्थल पर एक साथ मौजूद हो तो नियमों के तहत जुर्माना किया जा सकता है, लेकिन सिर्फ नाम छपवाने पर नोटिस जारी किया जाना समझ से परे है।