नांदेड़। महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में पिछले 36 घंटे में 31 मरीजों की मौतों से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, मौतों के बाद मरीजों के परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रशासन पर फूट पड़ा। परिजनों ने जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि दवाइयों और डॉक्टरों की किल्लत से मरीजों का इलाज समय पर नहीं हुआ। यह मामला नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण शासकीय वैद्यकीय अस्पताल (Shankarrao Chavan Government Medical Hospital) का है।
लोगों के हंगामे की वजह से अस्पताल में अफरातफरी की स्थिति बनी रही। वहीं, इस मामले में मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने कहा है कि इस क्षेत्र का यह सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल (Shankarrao Chavan Government Medical Hospital) है। 70 से 80 किलोमीटर दूर से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं। कई बार दूसरे अस्पतालों से रेफर होकर भी मरीज यहां आते है। जो लोग भर्ती हुए थे उनमें 12 बच्चे शामिल हैं, इनमें 6 लड़के और 6 लड़कियां हैं। वहीं अन्य वयस्क लोगों की अलग-अलग वजहों से मौतें हुई हैं।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि अस्पताल आए हर मरीजों की उचित देखभाल की जाती है। अस्पताल की जितनी क्षमता है, उस हिसाब से यहां काफी संख्या में मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं। ऐसा कहना कि मरीजों के इलाज में कोई लापरवाही हुई है, वह उचित नहीं है। बता दें कि यहां वैसे लोग भी इलाज के लिए आए थे, जो किसी रोड एक्सिडेंट में जख्मी हो गए थे।
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शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल (Shankarrao Chavan Government Medical Hospital) के डीन डॉ वॉकाडे ने कहा है कि अस्पताल में जो दवाएं मौजूद थीं, वह मरीजों को उपबब्ध कराई गई हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि जिन 31 लोगों की मौत हुई है, उनमें कुछ पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। जिन 12 वयस्क मरीजों की मौत हुई है, उनमें चार को हार्ट से जुड़ी बीमारियां थीं। एक शख्स ने जहर खाया था। वहीं दो गैस्ट्रो और दो गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। एक महिला मरीज प्रेग्नेंसी संबंधी जटिलओां से जूझ रही थी। वहीं, तीन अन्य लोग अलग-अलग दुर्घटनाओं में जख्मी हुए थे।