झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने वंशवाद के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पलटवार करते हुए रविवार को कहा कि भाजपा बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की बर्बादी और चौपट अर्थव्यवस्था समेत अन्य मूल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए दूसरे दलों पर वंशवाद और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाती है, लेकिन उस पार्टी में ही एक-दो नहीं, बल्कि वंशवाद के सैकड़ों उदाहरण है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे समेत अन्य नेताओं ने आज यहां भाजपा में केंद्र से लेकर राज्य एवं जिला स्तर तक में व्याप्त वंशवाद को लेकर पहली सूची जारी की। उन्होंने कहा कि भाजपा अक्सर दूसरे दलों पर वंशवाद और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाती है, लेकिन उस पार्टी में ही दर्जनों नहीं, बल्कि वंशवाद के ऐसे सैकड़ों उदाहरण है, जिसकी जानकारी सभी को है, लेकिन भाजपा नेता सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सिर्फ दूसरे दलों पर ही अब तक आरोप लगाती रही है।
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प्रवक्ता ने कहा कि 140 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी की तुलना में यदि 40 वर्ष पुरानी भाजपा नेताओं के पुत्र और सगे-संबंधियों के सक्रिय राजनीति में आने, उनके विधायक, सांसद और मंत्री बनने की तुलना की जाए, तो उसकी संख्या कांग्रेस समेत अन्य दूसरी पार्टियों से अधिक होगी।
वहीं, पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव कहा कि सिर्फ केंद्र में ही नहीं, बल्कि झारखंड समेत देशभर के भाजपा नेताओं के सगे-संबंधी सक्रिय संसदीय राजनीति में हैं।
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श्री शाहदेव ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी वंशवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं की, लेकिन झारखंड प्रभारी दिलीप सैकिया समेत अन्य भाजपा नेता जिस तरह बार-बार दूसरे दलों पर वंशवाद का आरोप लगा रहे हैं, वैसी स्थिति में उन्हें आइना दिखाना जरूरी हो गया है। भाजपा के तमाम छोटे-बड़े नेता खुद वंशवाद का शिकार है , लेकिन वे अपने अंदर झांकने की बजाय दूसरे को नसीहत देने में लगे रहे है।