सिद्धार्थनगर। अब समय आ गया है कि बुद्ध के शांति के विचारों को पूरे विश्व में आगे बढ़ाया जाए। उक्त बातें नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने लुम्बिनी में लुम्बिनी विकास कोष और सारिपुत्र फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित चार दिवसीय चौथे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन उद्घाटन करने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि नेपाल और चाइना के बीच सम्बन्धो को मजबूत करने, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस महोत्सव का आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब विश्व में उथल-पुथल मची हुई है, बुद्ध के विचारों का महत्व बढ़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि बुद्ध के शांति के विचारों को पूरे विश्व में आगे बढ़ाने की शक्ति आ गई है। प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि दुनिया में खतरनाक प्रकार के हथियार विकसित हो चुके हैं और युद्ध से शांति नहीं आती। इसलिए आज सबसे बड़ी जरूरत शांति की है और बुद्ध की शिक्षाओं का महत्व बढ़ता जा रहा है।
उनके अनुसार, जहां एक ओर विश्व में अशांति फैली हुई है, वहीं दूसरी ओर नेपाल के नेतृत्व में गौतम बुद्ध के शांति, मानवता और करुणा के महत्वपूर्ण विचारों का प्रसार हो रहा है।
चौथे एशियाई बौद्ध सांस्कृतिक महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता लुम्बिनी विकास कोष के उपाध्यक्ष ल्यार क्याल लामा ने की। कार्यक्रम में संस्कृति, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री बद्री पांडे, लुम्बिनी प्रांत के मुख्यमंत्री चेत नारायण आचार्य, भूमि सुधार मंत्री बलराम अधिकारी, राष्ट्रीय सभा के उपाध्यक्ष विमला घिमरे एवं अन्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही। पूरे अंतरराष्ट्रीय सभा हाल को चाइनीज कलाकृतियों एव लेख से सुसज्जित किया गया था। इस कार्यक्रम में म्यामार, थाईलैण्ड, बंग्लादेश, कम्बोडिया, म्यामांर सहित कई देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन नेपाली एवं चाइनीज भाषा मे किया गया।