नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने आज जम्मू कश्मीर के लिए 5 अधिकृत भाषाओं को मंजूरी दी है। संसद से मंजूरी मिलने के बाद कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिंदी और इंग्लिश जम्मू कश्मीर में आधिकारिक भाषा होगी।
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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, 2020 को मंजूरी दी है। कैबिनेट द्वारा अनुमोदित नए विधेयक के तहत उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाएं होंगी। यह फैसला लोगों की मांग के आधार पर लिया गया है।
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इस समय जम्मू-कश्मीर में अंग्रेजी और उर्दू राज्य की सरकारी भाषा हैं। जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट की धारा 47 के मुताबिक राज्य की विधानसभा को किसी एक या ज्यादा भाषा को सरकारी भाषा बनाने का अधिकार है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करना न केवल लंबे समय से लंबित मांग की पूर्ति है, बल्कि 5 अगस्त, 2019 के बाद समानता की भावना को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला है।
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बता दें कि 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर राज्य का दर्जा खत्म कर अलग दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था।