नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ( Manish Sisodia) को कोर्ट ने 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। आज सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में उन्हें पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआई ने 5 दिन की रिमांड मांगी थी। जांच एजेंसी की मांग को कोर्ट ने मान लिया है। सीबीआई ने कोर्ट में दलील दी थी कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए कस्टोडियल इंटोरेगेशन की जरूरत है। उधर, सिसोदिया ( Manish Sisodia) की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली समेत पूरे देश में आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में उम्दा काम करने वाले सिसोदिया को बीजेपी सरकार झूठे आरोपों में फंसा रही है। वहीं आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार हुए सिसोदिया
बता दें कि रविवार को 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद शाम को सिसोदिया को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद उनकी रात सीबीआई हेडक्वार्टर में भी गुजरी। सिसोदिया की पेशी से पहले ही कोर्ट के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। इसके लिए पैरामिलिटरी फोर्स की तैनाती की गई। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ऑफिस के बाहर भी भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। एक तरफ कोर्ट में पेशी चल रही थी तो वहीं दूसरी तरफ आप नेता और कार्यकर्ता देशभर में सड़कों पर उतकर प्रदर्शन कर रहे थे।
सीबीईआई ने सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा 120बी, फर्जीवाड़े की धारा 477ए और भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया। दरअसल, सीबीआई ने अगस्त 2022 में मनीष सिसोदिया के घर-दफ्तर समेत आबकारी विभाग के दफ्तर पर भी छापे मारे थे। इसमें सीबीआई को सबूत मिले थे कि शराब कारोबारियों को 12 फीसदी कमीशन देने के प्रावधान में अनियमितता की गई थी।
मनीष सिसोदिया ( Manish Sisodia) के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा, “मैं वित्त मंत्री हूं। मुझे बजट पेश करना है…कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है।”
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उन्होंने दलील दी कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के सदस्य के तौर पर कार्य किया और इसलिए फैसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, ना ही उस फैसले पर सवाल उठाया जा सकता है। वहीं, जांच एजेंसी के वकील ने दलील दी कि गिरफ्तार किए गए उपमुख्यमंत्री को हिरासत में रख कर मामले में पूछताछ करने की जरूरत है।
CBI ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से यह पता चला कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फैसले लिए थे। मनीष सिसोदिया के वकील ने हिरासत में सौंपने संबंधी जांच एजेंसी के अनुरोध का विरोध करते हुए दलील दी कि CBI ने कहा है कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन बदले थे, लेकिन यह अपराध नहीं है। वकील ने कहा कि दिल्ली के LG से सुझाव लेने के बाद नीति लागू की गई थी और चूंकि इसके लिए परामर्श की जरूरत थी, इसलिए साजिश की कोई गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने कहा, “मैंने हर चीज खुली रखने की कोशिश की।”