नई दिल्ली। देश में बढ़ते कोरोना (Corona) के मामलों ने एक बार फिर मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कोविड के नए वैरिएंट जेएन.1 के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस क्रम में दि्लली में रोजाना 400 से 500 सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं. इनमें से 5 से 7 कोरोना पॉजिटिव मामले रोजाना दर्ज हो रहे हैं. इनका पॉजिटिविटी रेट 1% से भी काम है. दिल्ली के अस्पतालों में कुल 4 कोरोना के मरीज भर्ती हैं. हालांकि बढ़ रहे मामलों के लिए नया स्ट्रेन जिम्मेदार नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बड़े स्तर पर जीनोम जांच हो रही है. बहुत जल्दी यह साफ होगा कि नए वैरिएंट की बढ़ते हुए कोविड केसों में कितनी भूमिका है. अभी तक के बढ़ते हुए मामलों में ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट XBB के कारण थे. INSACOG के प्रमुख एन के अरोड़ा ने बताया कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से अभी तक सब वैरिएंट JN1 के 22 केस सामने आए हैं. पिछले 4 से 6 महीने में कोविड केसों को देखें तो 85 से 90% XBB वैरिएंट के ही हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नए वेरिएंट JN.1 को लेकर पूरी तरह अलर्ट है तो वहीं देश में एक दिन में कोविड-19 के 656 नए मामले रिपोर्ट किए गए. दरअसल, जनवरी 2022 से ओमिक्रॉन ही ज्यादा एक्टिव है और थर्ड वेव का कारण भी यही वैरिएंट था. लगातार वायरस में हो रहे म्यूटेशन से वैरिएंट में बदलाव होता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि नए सब वैरिएंट के खिलाफ एडिशनल बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है.
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बता दें कि वैरिएंट JN.1 के तेजी से बढ़ने के कारण इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कहा गया है. इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि चौथी बूस्टर डोज नए वैरिएंट के लिए जरूरी नहीं है.