नई दिल्ली| देशभर के निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल की शर्त खत्म होगी। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी भुगतान के लिए पात्रता शर्तों में ढील देने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी भुगतान की समय सीमा को पांच साल से घटा कर एक से तीन साल के बीच करने पर विचार कर रही है। अधिकारी ने कहा कि भारत के श्रम बाजार की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए जहां ज्यादातर कर्मचारी केवल छोटी अवधि के लिए कार्यरत होते हैं। इसको देखते हुए ग्रेच्युटी पाने की समससीमा को कम करने की मांग हो रही है। इसी को देखते हुए सरकार इसके शर्त में ढील देने और लागू करने के तरीके पर विचार कर रही है।
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श्रम पर बनी संसदीय समिति ने हाल ही में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ग्रेच्युटी भुगतान के पात्रता की वर्तमान पांच साल की समय-सीमा को घटा कर एक साल किया जाना चाहिए। बता दें कि किसी कर्मचारी को किया जाने वाला ग्रेच्युटी भुगतान कंपनी में कर्मचारी के काम करने के साल के आधार पर प्रति साल 15 दिन की सैलरी के आधार पर किया जाता है। ये भुगतान कर्मचारी के किसी कंपनी में लगातार पांच साल पूरे होने पर ही मिलता है।
श्रम विशेषज्ञों ने भी कहा कि ग्रेच्युटी के लिए पांच साल की सीमा पुरानी है और अब ये कर्मचारियों के हित में काम नहीं करती। श्रमिक संघों का दावा है कि कई कंपनी लागत को बचाने के लिए कर्मचारियों को पांच साल से पहले ही हटा देती है ताकि, उनकी ग्रेच्युटी की लागत बच जाए। जीनियस कंसल्टिंग के मुख्य कार्यकारी आर पी यादव ने कहा कि ग्रेच्युटी के लिए पांच सा`ल की समयसीमा लंबे समय तक काम करने के कल्चर को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि अब दो या तीन साल की ग्रेच्युटी की समयसीमा एक बेहतर विकल्प होगा।
ग्रेच्युटी पेमेंट एक्ट 1972 के नियमों के मुताबिक, ग्रेच्युटी की रकम अधिकतम 20 लाख रुपए तक हो सकती है। ग्रेच्युटी के लिए कर्मचारी को एक ही कंपनी में कम से कम पांच साल तक नौकरी करना अनिवार्य है। इससे कम वक्त के लिए की गई नौकरी की स्थिति में कर्मचारी ग्रेच्युटी की पात्रतानहीं रखता। यानी चार साल 11 महीने में नौकरी छोड़ने पर भी ग्रेच्युटी नहीं मिलती है। कोई भी कंपनी, फैक्ट्री, संस्था जहां पिछले 12 महीने में किसी भी एक दिन 10 या उससे ज्यादा कर्मचारियों ने काम किया है तो ग्रेच्युटी एक्ट के अधीन आती है।
ग्रेच्युटी किसी कर्मचारियों को मिलने वाला एक पूर्व-परिभाषित लाभ है। अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करता है तो ग्रेच्युटी का भुगतान एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत गारंटीड तौर पर उसे दिया जाएगा। मौजूदा नियम के तहत आप किसी संस्थान में लगातार पांच साल काम करते हैं तो आपको ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। हालांकि, ठेक पर रखे कर्मचारी को यह लाभ नहीं मिलता है।
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कब मिलती है ग्रेच्युटी?
- कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद ग्रेच्युटी निकालने के लिए आवेदन कर सकता है।
- आवेदन करने की तारीख से 30 दिन के अन्दर उसे भुगतान कर दिया जाता है।
- अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसे ग्रेच्युटी राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा।