लखनऊ, हरदोई के कछौना से जिला पंचायत सदस्य तथा लखनऊ में रेलवे के ठेकों में दखल करने वाले 50 हजार के इनामी बदमाश सुरेंद्र कालिया को शनिवार को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया है। उसको कोलकाता पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया है।
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लखनऊ पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए सुरेंद्र कालिया ने खेल किया है। लखनऊ पुलिस को चकमा देकर सुरेंद्र कालिया कोलकाता में गिरफ्तार हुआ है। वह आर्म्स एक्ट में कोलकाता के लाल बाजार में गिरफ्तार हुआ है। उनको गिरफतार करने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट मध्य प्रदेश के साथ बिहार में तलाशी अभियान चला रही थी।
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लखनऊ में करीब तीन हफ्ते पहले खुद पर फायरिंग करवाने के बाद से सुरेंद्र कालिया फरार हो गया था। तभी लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने उसके ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। उस दौरान वह लखनऊ पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा था। लखनऊ पुलिस की टीम ने मध्य प्रदेश के मैहर में छापेमारी की थी, जहां से कालिया भाग निकला। वहीं पुलिस ने कालिया की पत्नी व दो अन्य को दबोच लिया।आरोपित ने आलमबाग में साजिश के तहत खुद पर गोली चलवाई थी। इसके बाद पुलिस ने पड़ताल के दौरान बड़ी साजिश का राजफाश किया था।
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रेलवे ठेकेदार और जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र कालिया ने सरकारी गनर हासिल करने के लिए 13 जुलाई को आलमबाग अजंता हॉस्पिटल के सामने खुद पर ताबड़तोड़ फायरिंग करवाई थी। इस वारदात का खुलासा पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तारी कर किया था। उसके बाद से कालिया फरार है। पुलिस ने कालिया के साथियों से एक 9 एमएम और .32 बोर की पिस्टल समेत सफारी स्ट्रोम गाड़ी भी बरामद की थी।
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मूलरूप से हरदोई के कछौना से जिला पंचायत सदस्य सुरेन्द्र कालिया कृष्णा नगर के बरिगवां कानपुर रोड में रहता है। वह रेलवे की ठेकेदारी भी करता है। 13 जुलाई को सुरेन्द्र कालिया ने आलमबाग पुलिस को सूचना दी कि उसके ऊपर जानलेवा हमला हुआ था। शूटरों ने करीब 13 राउंड गोलियां चलाई। बुलेटप्रूफ गाड़ी होने के चलते उसकी जान बच गई लेकिन उसका प्राइवेट गनर एटा निवासी रामरूप यादव घायल हो गया था।
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वारदात के बाद सुरेन्द्र कालिया ने पुलिस को बताया था कि उसने जौनपुर के जफराबाद रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का ठेका लिया है जिसमें उसके ज्वाइंट वेंचर डीडी आहूजा पार्टनर हैं। पूर्व सांसद उसे ठेके से हटाने के लिए लगातार धमकी दे रहे थे। न मानने पर उसके ऊपर जानलेवा हमला कराया। सुरेन्द्र कालिया के इस बयान पर पुलिस जांच शुरू की। उसकी कहानी फर्जी निकली। फर्जी हमले के वारदात में शामिल साजिशकर्ता सुरेन्द्र कालिया, सुमित सिंह, दो अज्ञात और गाड़ी पर फायर करने वाला शूटर अभी फरार हैैं जिनकी तलाश की जा रही है।