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इस जिले के 50 हजार वोटर अंतिम बार डालेंगे वोट, यह है खास वजह

Lok Sabha Election

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सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में इस समय चुनावी माहौल चल रहा है। हर शख्स राज्य में नई सरकार बनने को लेकर काफी उत्साहित है। लेकिन सोनभद्र के 11 गांव के मतदाताओं में मायूसी है। क्योंकि वे लोग अंतिम बार अपने मतदान क्षेत्र से मतदान करेंगे। लगभग पचास हजार की आबादी वाले इन ग्यारह गावों के वोटरों की पहचान 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद आने वाले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के बाद बदल जाएगी।

इसका कारण है कि इनके गांव कनहर सिंचाई परियोजना के अंतर्गत डूब क्षेत्र में आते हैं। यह गांव हमेशा डूब जाते हैं, जिससे जान-माल का भी नुकसान हो जाता है। यहां के सभी वोटर इस परियोजना के कारण विस्थापित किए जा रहे हैं।

बता दें, कनहर सिंचाई परियोजना साल 1976 से निर्माणाधीन है। सरकार ने इनमें से कई ग्रामीणों को मुआवजा दे दिया है। तो कुछ लोगों का कहना है की अभी उन्हें मुआवजा मिलना बाकी है। अंतिम बार वोट डालने के बारे में सोचकर कुछ ग्रामीण तो काफी भावुक हो गए। तो वहीं, प्रधान सहित कुछ ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो चुनाव का बहिष्कार भी कर सकते हैं।

जिस गांव की विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र बदलेगा उनमें कोरची, सुंदरी, लाबी, गोहड़ा, संदह, भीसुर, सुगवामान, अमवार, बघाड़ू, कुदरी और कासीवाखाड आते हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां के ग्रामीण अंतिम बार मतदान करेंगे, जिसे लेकर ग्रामीण काफी भावुक हैं। कुछ ग्रामीणों के मुताबिक, अब वे लोग विस्थापित हो चुके हैं। अंतिम बार अपने गांव से वोट डालेंगे।

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उन्होंने कहा, ”यहां से जाने का दुःख है। लेकिन जाते-जाते सरकार को हम लोगों की मांग पर ध्यान देना चाहिए। सरकार के द्वारा जितना मुआवजा मिलना चाहिये था नहीं मिला। यहां हम लोगों का विस्थापन सम्मान के साथ होना चाहिए।”

बता दें, इन गांवों में लगभग 50 हजार लोगों की आबादी है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे मकान, खेत, मंदिर और सगे संबंधी सब आपस में बिछड़ जाएंगे और उन्हें आवासीय परियोजना में शिफ्ट होना पड़ेगा। ग्रामीणों का ये भी कहना है कि अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। सरकार ने डूब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऊंचे स्थानों के लोगों को मुआवजे का पात्र नहीं समझा है, इसलिए उनकी मांग है कि सभी को वर्तमान महंगाई के अनुसार उनकी मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए।

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