सूरत/अहमदाबाद। सूरत के सचिन जीआईडीसी में सड़क के किनारे केमिकल से भरे टैंकर लीक होने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। जहरीली गैस के कारण दम घुटने से 20 लोगों की हालत गंभीर है, जिन्हें सिविल अस्पताल में रेफर किया गया है। प्रभावित लोगों में जीआईडीसी स्थित विश्व प्रेम मिल के 10 कामगार भी शामिल हैं। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग मौके पर पहुंच गया है। घटनास्थल पर राहत व बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जीआईडीसी में राजकमल चिकड़ी प्लॉट नंबर 362 के बाहर खड़े केमिकल टैंकर से 8-10 मीटर दूर सभी मजदूर सो रहे थे। अचानक टैंकर का ड्रेनेज पाइप लीक हो गया और जहरीली गैस फैल गयी। इसका असर करीब में सो रहे मजदूरों और मिल मजदूरों पर पड़ा। फिलहाल इन सभी मजदूरों समेत मिल मजदूरों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों और सिविल अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है।
हादसे में जिन छह लोगों की जान गयी है उनमें तीन लोगों की पहचान कर ली गयी है, इनमें सुल्तान, कालीबेन और सुरेशभाई शामिल हैं। मरने वाले तीन लोगों की पहचान फिलहाल नहीं हुई है। जबकि जहरीली गैस से प्रभावित लोगों में राजनाथ यादव, रवि भाई, महावीर भाई, सुनील भाई, अवधेश, श्रीराम दुलारे प्रजापति, रविंद्र भाई, सतेंद्र पटेल, श्याम भागवत शर्मा, राधेश्याम भाई, राजकुमार शामिल हैं। बाकी प्रभावितों की पहचान फिलहाल नहीं हुई है।
ट्रोमा केंद्र पर पहुंची प्रभारी सिविल अधीक्षक धृति परमार ने बताया कि सभी प्रभावितों को उचित इलाज मिले, इसके लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। वर्तमान स्थिति को नियंत्रण में कहा जा सकता है। वर्तमान में भर्ती मरीजों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। हर मरीज की जान बचाने की चिकित्सक लगातार कोशिश कर रहे हैं।
विश्व प्रेम मिल्स के प्रोडक्शन मैनेजर संजय पटेल ने इस मामले को लेकर कहा कि केमिकल से लदा एक टैंकर साइड ड्रेनेज लाइन में पाइप के साथ मिलकर बाहर खड़ा था। अचानक लोगों का दम घुटने लगा और मिल के कर्मचारी जमीन पर गिरने लगे। पूरी मिल गैस के घुटन से प्रभावित हो गई।
सूरत सिविल अस्पताल के डॉ. ओंकार चौधरी ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे गैस रिसाव की घटना को लेकर फोन आया और तत्काल तैयार रहने के निर्देश दिये गये। फिर हमने तुरंत सारी सुविधाएं लगा दीं। इसके बाद 20 मरीजों को एंबुलेंस से लाया गया, जिसमें से 5 मरीजों की मौत हो गई। जबकि अन्य मरीजों को इलाज के लिए ले जाया गया। फिलहाल इनमें से कुछ मरीजों की हालत ठीक है और कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
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प्रत्यक्षदर्शियों में शामिल साड़ी मिल के कर्मचारी ने कहा कि अचानक हमें कुछ गंध आई और एक के बाद एक लोग गिरने लगे। ऐसा होते ही सभी भागने लगे।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी विश्व प्रेम मिल में हेल्पर के तौर पर काम करने वाले दिलीप कुमार ने बताया, एक केमिकल टैंकर में आग लग गई। तभी धुआं निकल रहा था। लोगों को बाहर निकाला जा रहा था। जब हमने जाकर देखा तो उनमें से तीन हमारे साथी थे। हमने बाहर जाकर देखा तो गेट के कोई कलर जैसा पदार्थ था जिसमें आग लगी हुई थी। करीब पंद्रह-बीस लोग जमीन पर पड़े थे।