नई दिल्ली: लद्दाख पर अमेरिकी अखबार न्यूजवीक की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक गल्वन घाटी में हुई झड़प में चीन के करीब 60 सैनिक मारे गए थे, भारतीय सेना पीएलए पर भारी पड़ी थी। गल्वन में हुए एक्शन के बाद चीन खौफ में है। जानकारी के मुताबिक ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप के आस-पास चीन अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। सेटेलाइट तस्वीरों में चीनी कैंप दिखाई दे रहे हैं।
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फिंगर-4 इलाके में मौजूद चीनी सैनिकों पर लगातार नजर रखने के लिए पर्वत चोटियों और सामरिक ठिकानों पर भारतीय सेना ने अतिरिक्त कुमुक भेजी है। पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 से फिंगर-8 तक के इलाकों में चीनी सैनिक मौजूद हैं, लेकिन कई ऊंची चोटियों पर भारतीय सेना के नियंत्रण के बाद चीन की चिंता बढ़ रही है।
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चीन का फिंगर एरिया को लेकर अड़ियल रुख है। चीनी सेना फिंगर-4 से पूरी तरह पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। सूत्रों की मानें तो चीनी सेना का दावा है कि फिंगर 8 से फिंगर 5 तक उसने वर्ष 1999 में सड़क बनाई थी। ऐसे में ये इलाका उसका है।
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भारत का आरोप है कि चीन ने ऐसा कर दोनों देशों के बीच एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल) की शांति को लेकर हुए समझौता का उल्लंघन किया है। क्योंकि मौजूदा तनाव से पहले तक चीनी सेना फिंगर 8 के पीछे यानी सिरजैप और खुरनाक फोर्ट पर तैनात रहती थी।
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फिंगर 5 तक कैंप बनाकर चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के स्टेटस-को बदलने की कोशिश की है। दोनों देशों के बीच हुए शांती समझौते के तहत दोनों देश एलएसी पर बिना रजामंदी के किसी भी तरह का ‘बॉर्डर-फॉर्टिफिकेशन’ नहीं कर सकते हैं।