लखनऊ। गोंडा जिला कारागार में कैम्प लगाकर एंटीजन किट से कोरोना की जांच कराई गई थी। जेल में निरुद्ध 230 बंदियों की जांच में 61 बंदी पॉजिटिव पाए गए है। इतनी बड़ी संख्या में कैदियों के पॉजिटिव मिलने के बाद कारागार व जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया है।
कोरोना काल के शुरूआती दिनों में ही एहतियात बरती गई ताकि कोरोना जेल में एण्ट्री न हो सके। इसके बावजूद भी जेल में कोरोना बम फूटने से लोग हैरत में हैं। जेल में कैदियों से मुलाकात बंद करा दी गई थी। मुलाकातियों को ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ही बंदियों से बातचीत करने दी जा रही थी।
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जेल में प्रवेश करने वाले हर शख्स को सेनेटाइज किया जाता था। वहीं जेल में आने वाले नए बंदियों को 14 दिन तक अलग बैरक में क्वारंटीन करने के बाद ही आम बंदियों के बैरक में भेजा जाता था। हर एक बंदी को हाथ धुलने के लिए साबुन का वितरण भी करा दिया गया था। खुद जेल अधीक्षक शशिकांत इसकी निगरानी व समीक्षा रोजाना अपने स्तर पर करते थे।
जेल मेें निरुद्ध पाजिटिव पाए गए बंदियों में किसी में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। जेल प्रशासन के अनुसार किसी भी बंदी को जुकाम, बुखार, खांसी जैसे कोई लक्षण नहीं हुए।
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जिला कारागार में एक कोरोना बैरक बना दी गई है। इस बैरक में पाजिटिव मिले बंदियों को शिफ्ट कर दिया गया है। जेल चिकित्सक बंदियों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं। जेल को सेनेटाइज भी कराया गया है।
जेल अधीक्षक गोंडा शशिकांत ने बताया कि जेल में कोरोना से बचाव के सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। पाजिटव पाए गए बंदियों को अलग बैरक में क्वारंटीन कर दिया गया है। पाजिटिव मिले किसी भी बंदी में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। अभी सभी की स्थिति सामान्य हैं।