लखनऊ। देश के स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 (Swachh Survekshan 2023) में उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि इस बार यूपी ने एक इतिहास रच दिया है, क्योंकि यह पहली बार है कि प्रदेश के दो प्रमुख शहरों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। वाराणसी और प्रयागराज को स्वच्छ गंगा टाउन श्रेणी में सर्वाेच्च पुरस्कार प्रदान किया गया। एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि मा प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से और मा मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमने यूपी के शहरी प्रबंधन में बहुत बड़ा बदलाव लाने में कामयाब हुए हैं। जिससे हमने एक ऐतिहासिक समस्या से निजात पाई है। अब हमारा लक्ष्य सभी नगरों के लिए ओडीएफ++ के उच्च मानकों को हासिल करना और स्वच्छता में वैश्विक मापदंडों तक पहुंचना है। उन्होंने कहा कि हम अगले साल और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। मंत्री शर्मा (AK Sharma) ने इस ऐतिहासिक व सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए नगर विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही सफाईमित्रों को बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) आज जल निगम फील्ड हास्टल संगम, लखनऊ में प्रेस प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत बनाने का आह्वान व पहल का ही परिणाम है कि हम सब स्वच्छता की ओर बढ़ रहे हैं। सभी के सहयोग से ही यूपी में स्वच्छता के नये मापदंड स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि अभी हम रूक नहीं सकते, न ही थक सकते हैं। अभी तो शहरों को व्यवस्थित करने का सही रास्ता पकड़ा गया है। शीघ्र ही यूपी के शहरों को देश के सबसे स्वच्छ शहर बनाना है और यूपी को देश का सबसे स्वच्छ प्रदेश। प्रदेश के नगरों की ग्लोबल बेंच मार्किंग करनी है। सभी मापदंडों के साथ वैश्विक नगर बनाना है। इसमें चाहे इन्फ्रास्ट्रक्चर, सर्विसेज, स्वच्छता, पानी, बिजली, रोजगार के अवसर, गुणवत्ता आदि के मामलो सहित।
नगर विकास मंत्री (AK Sharma) ने लखनऊ की सफाई व्यवस्था के बारे में साफ कहा है कि नये साल में लखनऊ शहर की सफाई सहित सम्पूर्ण व्यवस्था अच्छी रहेगी। कुछ समय के लिए यहां की व्यवस्था जरूर संतोषजनक नहीं थी। भारत के स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में यूपी के दो शहरों वाराणसी एवं प्रयागराज को पहली बार स्वच्छता के लिए सर्वाेच्च राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है। स्वच्छता का राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले देश के 10 शहरों में से 02 यूपी के ही हैं। गंगा टाउन सिटी में मिला यह सर्वोच्च पुरस्कार बेहद गौरवपूर्ण है। गंगा किनारे के शहारों की साफ सफाई करना बहुत कठिन कार्य है। जिसमें यूपी के दो शहरों को सर्वोच्च सम्मान मिला है। देश के उत्तर भारत क्षेत्र में प्रदेश के तीन अन्य शहरों बरवर, अनूपशहर, गजरौला को पहली बार क्षेत्रीय पुरस्कार भी मिला। विगत दो वर्षों में यूपी ने जीएफसी और ओडीएफ में बेहतर कार्य किया। यूपी ने कचरामुक्त शहरों (जीएफसी) में भी उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया और स्वच्छता रैंकिंग में जबरदस्त सुधार हुआ है। ऐसे शहरों में पिछले दो वर्षों में 03 से 06 गुना की वृद्धि हुई है। साथ ही दो वर्षों में यूपी ने अपने सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) बनाने में भी बड़ी सफलता हासिल की है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 (Swachh Survekshan 2023) के घोषित परिणामों में वाराणसी को थ्री स्टार गार्ब्रेज फ्री सिटी रेटिंग तथा प्रयागराज को वाटर प्लस सिटी का दर्जा भी मिला है। इसके अलावा देश में जोनल स्तर पर उत्तर भारत क्षेत्र में यूपी के तीन शहरों को क्लीन सिटी नार्थ जोन का भी पुरस्कार मिला। इनमें बरवर, अनूपशहर और गजरौला शामिल हैं। एक लाख से 10 लाख तक की आबादी में क्लीन सिटी का राज्य स्तरीय पुरस्कार नोएडा को मिला।
जीएफसी और ओडीएफ परिणामों में इस वर्ष यूपी में 65 शहरों को कचरा मुक्त शहर के रूप में प्रमाणित किया गया है। जबकि वर्ष 2022 में 11 शहर और वर्ष 2021 में 10 शहर जीएफसी की श्रेणी में थे। जीएफसी शहरों में वन स्टार के 56, थ्री स्टार के 08 और फाइव स्टार का एक शहर नोयडा शामिल हैं। यूपी इस वर्ष अनेक और कचरा मुक्त शहरों का प्रमाणन हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है। इस वर्ष यूपी के सभी शहर ओडीएफ हो गए हैं।
ओडीएफ की विभिन्न श्रेणी में 02 यूएलबी ने पहली बार वाटर प्लस प्रमाणन हासिल किया है। ओडीएफ की अन्य श्रेणी में 129 यूएलबी को ओडीएफ++ के रूप में प्रमाणित किया गया है, जबकि वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 40 और 2021 में 07 था। 435 यूएलबीएस को ओडीएफ+ के रूप में प्रमाणित किया गया है, जबकि वर्ष 2022 में यह संख्या 411 और वर्ष 2021 में 269 थी। इन सब श्रेणियों को मिलाकर यूपी के सभी शहर अब ओडीएफ हो गए हैं।
यूपी ने कचरा मुक्त शहरों में उत्कृष्ठ प्रदर्शन और रैंकिंग में जबरदस्त सुधार किया: एके शर्मा
मंत्री शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि राष्ट्रपति के शुभ हाथों से राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद हमें और भी जिम्मेदारी और निष्ठापूर्ण तरीके से अपने शहरों के विकास के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिली है। शहरों की स्वच्छता, सुन्दरता के साथ ही नगरीय जीवन को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हमें महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। हमें यूपी के शहरी प्रबंधन में और भी व्यापक बदलाव करते हुए हम अगले साल और भी बेहतर प्रदर्शन करना है, जिससे प्रदेश में स्वच्छता समृद्धि और विकास की रफ्तार को और गति मिल सके।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने कहा कि पूरे देश में गार्वेज फ्री सिटी के मामले में प्रदेश ने तीसरी रैंक हासिल की है। प्रदेश के कचरा मुक्त शहरों में विगत दो वर्षों में 6 गुना की वृद्धि हुई। वर्ष 2021 में 10 शहर और 2022 में 11 शहर ही जीएफसी की श्रेणी में थे, जबकि अब 65 शहर इस श्रेणी में हैं। खुले में शौच जैसी समस्याओं सेेेेे प्रदेश के शहरों को मुक्त किया गया है। अब प्रदेश के सभी शहर ओडीएफ हो गये हैं। दो यूएलबी वाटर प्लस की श्रेणी में आ चुके हैं। इसी प्रकार ओडीएफ प्लस एवं प्लस-प्लस की श्रेणी में भी तीन गुना की वृद्धि हुई। वर्ष 2021 में 07 और वर्ष-2022 में 40 शहर ओडीएफ प्लस-प्लस की श्रेणी में थे। जबकि अब 129 शहर इस श्रेणी में हैं। इसी प्रकार 435 यूएलबी ओडीएफ प्लस की श्रेणी में है, जोकि गत वर्ष मात्र 411 ही थे। उन्होंने कहा कि अब हमारा उद्देश्य ओडीएफ की और उच्च श्रेणी में तथा वाटर प्लस की श्रेणी में सभी नगरों को लाना है।